Atul Subhash Suicide Case : बेंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने सोमवार को अतुल सुभाष की कथित आत्महत्या मामले में निकिता सिंघानिया के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने से मना कर दिया। इस मामले में HC ने निकिता की चायिका खारिज कर दी और 21 जनवरी तक सुनवाई स्थगित कर दी।
आरोप है कि अतुल सुभाष ने पत्नी निकिता सिंघानिया द्वारा तलाक के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग और कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के कारण आत्महत्या कर ली थी। जस्टिस एसआर कृष्ण कुमार की अध्यक्षता वाली सिंगल बेंच ने सुभाष की पत्नी की मांग को अस्वीकार करते हुए कहा कि एफआईआर में आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित सारे तथ्य मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि अदालत और क्या देख सकती है?
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आप जांच क्यों नहीं कराना चाहतीं : HC
जस्टिस ने सुनवाई के दौरान निकिता सिंघानिया से पूछा कि शिकायत में अपराध के प्राथमिक तथ्य सामने आते हैं। निकिता, आप जांच क्यों नहीं कराना चाहतीं? इस पर निकिता के वकील ने कोर्ट को बताया कि सुसाइड के लिए उकसाने के संबंध में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत में कोई आधार नहीं बनाया गया है।
जानें निकिता के वकील ने क्या दी दलील?
निकिता सिंघानिया के वकील ने यह भी दलील दी कि अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी या परिवार के सदस्यों द्वारा किए गए किसी भी कृत्य का उल्लेख नहीं किया है, जिसके कारण उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी। उन्होंने आगे कहा कि याचिकाकर्ता को कानूनी राहत पाने का अधिकार है और सिर्फ शिकायत के आधार उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता है।
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निकिता की जमानत के खिलाफ HC जाएंगे अतुल सुभाष के परिजन
आपको बता दें कि इससे पहले बेंगलुरू की एक अदालत ने अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, सांस निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी थी। इसे लेकर अतुल सुभाष के परिवार ने कहा कि अदालत की ऑर्डर शीट मिलने के बाद वे इस फैसले के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट में अपील करेंगे।