Assam CM Himanta Biswa Sarma FIR for hate speech: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक देबब्रत सैकिया ने हेट स्पीच मामले में एफआईआर दर्ज कराई है। द हिंदू के मुताबिक, यह केस पूर्वी असम के शिवसागर जिले के नाजिरा मॉडल पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। देबब्रत सैकिया का आरोप है कि मुख्यमंत्री सरमा ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके परिवार के विवादित बयान दिया।
विदिशा में दिया विवादित बयान
कांग्रेस विधायक का कहना है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा 19 सितंबर को मध्य प्रदेश के दौरे पर थे। उन्होंने विदिशा जिले में भाजपा की जन आशीर्वाद रैली के दौरान अपमानजनक और घृणास्पद शब्दों का इस्तेमाल किया।
Shame on CM @himantabiswa for resorting to hate speech & inciting violence. Today, filed an FIR against him for targeting @OfficeOfKNath Ji based on his identity & suggesting harm to 10 Janpath. Divisive rhetoric from a leader sworn to uphold our Constitution is disheartening. pic.twitter.com/xf3FRVXXR2
— Debabrata Saikia (@DsaikiaOfficial) September 20, 2023
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कमलनाथ को हिंदू होने का ताना मारा
देवब्रत सैकिया 126 सदस्यीय विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। उन्होंने अपनी तहरीर में लिखा कि सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने पूर्व सीएम कमलनाथ के हिंदू होने पर सवाल उठाया। इसके बाद उन ताना मारते हुए कहा कि अगर कमलनाथ हिंदू हैं तो गांधी परिवार को राम मंदिर ले जाकर दिखाएं। सैकिया का ये भी आरोप है कि सरमा ने 10 जनपथ को जलाने की बात कही। सरमा ने खुलेतौर पर हिंसा और आगजनी को उकसाया। उन्होंने बताया कि 10 जनपथ पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी का आवास है।
सैकिया ने कहा कि 77 वर्षीय महिला के आवास को जलाने का सुझाव देकर सरमा न केवल विपक्ष के एक प्रमुख चेहरे पर हमला कर रहे हैं, बल्कि वह आगजनी का आह्वान भी कर रहे हैं।
10 जनपथ को नुकसान पहुंचने की संभावना
संवैधानिक पद पर बैठे हिमंता बिस्वा सरमा के इस तरह के अनर्गल बयानों से गुमराह व्यक्तियों को हिंसा का सहारा लेने और संभावित रूप से 10 जनपथ के निवासियों को नुकसान पहुंचाने की संभावना है। यह हिमंता बिस्वा सरमा की ओर से दंगों और आगजनी के लिए उकसाने का स्पष्ट उदाहरण है और उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153 और 115/436 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
देबब्रत सैकिया ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया था और यह असम में भी उपलब्ध है।
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