Asansol Rape Case Verdict: आसनसोल के बहुचर्चित नाबालिग बेटी से रेप और मर्डर केस में आज अहम फैसला आया है। स्पेशल पॉक्सो कोर्ट की जज सुपर्णा बंदोपाध्याय 15 महीने से केस की सुनवाई कर रही थीं और आज उन्होंने आरोपी पिता को दोषी करार देकर फांसी की सजा सुना दी। आसनसोल में पहली बार किसी केस में मौत की सजा दी गई है। दोषी के खिलाफ 14 मई 2024 को मृतका की मां ने ही हिरापुर थाने में मामला दर्ज कराया था।
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मां को मृत अवस्था में मिली थी बेटी
पुलिस को दी शिकायत में मृतका की मां ने बताया कि वह पति और बेटी के साथ पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के बर्नपुर, नरसिंगबांध के गांव कचुबागान में रहती है। उसका पति टोटो ड्राइवर था और वह घरों में साफ-सफाई का काम करती थी। एक दिन जब वह घर आई तो उसने बेटी को खून से लथपथ हालत में देखा। बेटी के मुंह और नाक से खून निकल रहा था, जबकि उसका पति घर पर ही थी। वह दोनों बेटी को लेकर अस्पताल गए, लेकिन प्राथमिक जांच में ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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DNA रिपोर्ट से खुला पति का राज
पुलिस को मृतका की मां ने बताया कि उसे पति पर शक है। उसने बेटी के साथ कुछ गलत किया है। बेटी को अस्पताल ले जाने के लिए उसने अपना नहीं, बल्कि किराये का टोटो किया था। आसनसोल जिला अस्पताल में बेटी का पोस्टमार्टम हुआ, जिसकी रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या और दुष्कर्म करने की पुष्टि हुई तो उसका शक सही साबित हो गया। पुलिस ने फोरेंसिक टेस्ट औरD DNA टेस्ट किया तो पिता के गुनाह का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने घर से ही हत्या करने में इस्तेमाल की गई रस्सी बरामद की।
सरकारी वकील सोमनाथ चट्टोपाध्याय और जांच अधिकारी शुभाशीष बंदोपाध्याय से मृतका को इंसाफ दिलाने में सहयोग किया। पॉक्सो एक्ट की धारा 6, भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और धारा 201 (साक्ष्य नष्ट करना) के तहत दर्ज किया गया था।