Arun Goyel Resigns: लोकसभा चुनाव की तारीखों का कुछ ही दिन में ऐलान होने वाला है, लेकिन उससे पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने 9 मार्च को अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। गोयल के इस्तीफा देने के बाद अब चुनाव आयोग में केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही शेष बचे हैं। अरुण गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था। वे अगले साल मुख्य चुनाव आयुक्त बनते। उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया, अभी इसकी वजह सामने नहीं आई है। वहीं, गोयल के इस्तीफा देने पर कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं।
‘अरुण गोयल के इस्तीफे से पूरा देश चिंतिंत है’
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अरुण गोयल के इस्तीफे पर कहा कि यह काफी चौंकाने वाली बात है। लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले चुनाव आयुक्त ने इस्तीफा दे दिया। अब, केवल एक चुनाव आयुक्त हैं। उन्होंने सवाल किया कि ये चुनाव आयोग में हो क्या रहा है? पूरा देश इससे चिंतित है।
#WATCH | On the resignation of Election Commissioner Arun Goel, Congress General Secretary KC Venugopal says, " This is quite shocking, just before the declaration of elections, the Election Commissioner has resigned. Now, only one Election Commissioner is there… What is… pic.twitter.com/oTZfuuB3wz
— ANI (@ANI) March 9, 2024
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‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं चाहती मोदी सरकार’
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि मोदी सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं चाहती है। इससे पहले उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को चुनाव आयोग और चुनाव आयुक्त की चयन संस्था से हटा दिया था। सीजेआई के स्थान पर उन्होंने एक कैबिनेट मंत्री को शामिल किया। अब यह एक सरकारी मामला बन गया है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता खो गई है।
It is deeply concerning for the health of the world’s largest democracy that Election Commissioner Mr. Arun Goel has resigned on the cusp of the Lok Sabha elections.
There is absolutely no transparency in how a constitutional institution like the ECI has been functioning and the…
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) March 9, 2024
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अरुण गोयल कब बने चुनाव आयुक्त?
बता दें कि अरुण गोयल ने 21 नवंबर 2022 को चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था। इससे पहले, वे संस्कृति मंत्रालय के सचव, दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, श्रम और रोजगार मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार और राजस्व विभाग व वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं। देश में अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले चुनाव आयुक्त के इस्तीफा देने से मोदी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
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