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कौन हैं IAS अमिताभ कांत? जिन्होंने G20 शेरपा पद से दिया इस्तीफा

Amitabh Kant: तीन साल जी20 में भारत के शेरपा रहने के बाद आईएएस अमिताभ कांत ने इस्तीफा दे दिया है। इनसे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल इस पद की जिम्मेदारी निभा रहे थे। विस्तार से जानिए कि पिछले साल इन्हें जी-20 बैठक में हीरो क्यों माना गया था।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jun 16, 2025 15:54

Amitabh Kant: देश के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पब्लिक सर्विस में 45 साल के करियर का अंत करते हुए कहा कि उनका यह सफर यादगार रहा। अब वे भारत के विकास में अपनी भूमिका बढ़ाने के लिए नए अवसरों की तलाश करेंगे। अमिताभ कांत केरल कैडर के 1980 बैच के आईएएस अधिकारी थे। उन्होंने 8 जुलाई 2022 से 16 जून 2025 तक भारत के जी20 शेरपा के रूप में कार्य किया है। वह एक भारतीय नौकरशाह और नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जो भारत सरकार का एक सार्वजनिक नीति थिंक टैंक है। अमिताभ कांत ने सोमवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि 45 वर्षों की समर्पित सरकारी सेवा के बाद, मैंने नए अवसरों को अपने नए जीवन में आगे बढ़ने का निर्णय लिया है।

उन्होंने लिखा कि- मैं भारत के प्रधानमंत्री का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने जी20 शेरपा के रूप में मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया और मुझे कई विकासात्मक पहलों को आगे बढ़ाने और भारत की वृद्धि, विकास और प्रगति में योगदान करने का अवसर दिया। अब मैं मुक्त उद्यम, स्टार्टअप, थिंक टैंक और शैक्षणिक संस्थानों को सुविधा और समर्थन देकर विकसित भारत की ओर भारत की परिवर्तनकारी यात्रा में योगदान देने के लिए तत्पर हूं।

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दिल्ली से पूरी हुई शिक्षा

अमिताभ कांत का जन्म 1 मार्च 1956 को हुआ था। उन्होंने पहले मॉडर्न स्कूल, दिल्ली से पढ़ाई की। फिर सेंट स्टीफंस कॉलेज दिल्ली से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) में स्नातक की डिग्री हासिल की। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय संबंध में एमए की डिग्री हासिल की। ​​वे शेवनिंग स्कॉलर थे।

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जी-20 सम्मेलन में बने थे हीरो

साल 2023 में नई दिल्ली में जी20 सम्मेलन आयोजित हुआ था। यूक्रेन युद्ध की वजह से सम्मेलन में सभी देशों में साझा बयान देने पर सहमति बनना मुश्किल लग रहा था,लेकिन सम्मेलन के पहले ही दिन भारतीय प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली घोषणा पत्र जारी किया जिसमें यूक्रेन युद्ध के मुद्दे को शामिल किया गया और सभी सदस्य देशों ने इस पर सहमति दी। इसे वैश्विक राजनीति और कूटनीति में भारत की कामयाबी के रूप में देखा गया था।

अमिताभ कांत असली हीरो

इस कूटनीति की का असली हीरो अमिताभ कांत को बताया गया था। उस दौरान कांत ने इंटरनेट पर साझा किया था कि समूचे जी-20 सम्मेलन का सबसे जटिल काम था भू-राजनैतिक (यूक्रेन-रूस) हिस्से पर आम सहमति बनाना। लगातार 200 घंटे चली वार्ता, 300 द्विपक्षीय बैठकों और 15 मसौदों के बाद ऐसा संभव हो सका। इसमें दो शानदार अधिकारियों ने मेरी मदद की थी, वे अधिकारी हैं- नागराज नायडू काकानूर और ईनम गंभीर।

केरल को बनाया था ईश्वर का देश

कांत ने केरल के थालास्सेरी के उप कलेक्टर के रूप में अपनी नौकरी शुरू की थी। कई पदों पर जिम्मेदारी निभाने के बाद उन्हें केरल में पर्यटन सचिव बनाया गया। कांत ने राज्य को एक पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा दिया, उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान “केरल: ईश्वर का अपना देश” के नारे को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है।

किसे बनाया जाता है शेरपा?

जी-20 सम्मेलन में शेरपा का पद काफी अहम होता है। ज्‍यादातर उन लोगों को शेरपा बनाया जाता है जिन्‍हें राजनीति और कूटनीति दोनों की अच्‍छी समझ होती है।

शेरपा का काम क्या होता है?

दरअसल, जी-20 सम्‍मेलन में दो समानांतर तरीकों से चर्चा होती है, पहला फाइनेंशियल और दूसरा शेरपा ट्रैक। फाइनेंशियल ट्रैक में बातचीत का काम वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर संभालते हैं और शेरपा ट्रैक में शेरपा संभालते हैं। फाइनेंशियल ट्रैक सीधे-सीधे फाइनेंस पर काम करता है, जबकि शेरपा ट्रैक थोड़ा घुमावदार होता है। ये मूलतः सदस्य देशों के शेरपा के साथ समन्वय बनाते हुए राजनीतिक व अन्य मुद्दों को तय करते हैं, बैठकें करते हैं और समय-समय पर अपने लीडर को अपडेट करते रहते हैं। जी-20 वर्किंग ग्रुप्स के साथ भी समन्वय बनाने का काम भी शेरपा का ही होता है।

कहां का है शेरपा शब्द?

वास्‍तव में शेरपा शब्‍द नेपाल और तिब्‍बत के उन लोगों से लिया गया है जो पूरी दुनिया से आने वाले पर्वतारोहियों को गाइड करते हैं। ये हिमालय की वादियों में बसते हैं और उन ऊंची जगहों पर भी पहुंच जाते हैं, जहां ऑक्‍सीजन की कमी होती है। जी-20 में भारत की ओर से पूर्व में मोंटेक सिंह अहलूवालिया, शशिकांत दास, अरविन्द पनगढ़िया, सुरेश प्रभु एवं पीयूष गोयल शेरपा रह चुके हैं।

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First published on: Jun 16, 2025 03:34 PM

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