Manipur Issue: संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है। मणिपुर मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में गतिरोध जारी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं को लिखा है कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है। गृह मंत्री ने लोकसभा में कहा, ‘विपक्ष को सहयोग में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्हें न तो दलितों में दिलचस्पी है, न ही महिलाओं के कल्याण में, इसलिए उनकी नारेबाजी बहुत स्पष्ट है। मैं फिर से कहना चाहता हूं कि मैंने दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं को लिखा है कि मैं मणिपुर पर विस्तृत बहस के लिए तैयार हूं। सरकार को कोई डर नहीं है और जो भी चर्चा करना चाहता है उसका स्वागत है।
अमित शाह ने कहा, ‘हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। हमें चुनाव में जाना है और लोग आपको देख रहे हैं। मणिपुर के इस संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए अनुकूल माहौल बनाएं।’
"सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है"
◆ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में कहा #AmitShah | Amit Shah on Manipur | #ManipurViolance pic.twitter.com/z37x76UV0Y
---विज्ञापन---— News24 (@news24tvchannel) July 25, 2023
गृह मंत्री ने विपक्ष से मांगा सहयोग
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी को लिखा पत्र साझा किया। उन्होंने लिखा, ‘सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी दलों से सहयोग चाहती है। मुझे उम्मीद है कि सभी दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे को सुलझाने में सहयोग करेंगे।
Today, I wrote to the opposition leaders of both houses, Shri @adhirrcinc Ji of Lok Sabha, and Shri @kharge Ji of Rajya Sabha, appealing to them for their invaluable cooperation in the discussion of the Manipur issue.
The government is ready to discuss the issue of Manipur and… pic.twitter.com/IpGGtYSNwT
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) July 25, 2023
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में जुटा विपक्ष
अमित शाह की यह टिप्पणी उस खबर के कुछ घंटों बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि विपक्षी INDIA गठबंधन के कुछ दल मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में बोलने के लिए मजबूर करने के प्रयास में लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस ला सकते हैं।
संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है, क्योंकि विपक्ष इस मामले पर बहस शुरू करने से पहले मणिपुर मुद्दे पर प्रधान मंत्री के बयान की मांग पर अड़ा हुआ है। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के प्रयासों के बावजूद, कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
मणिपुर में अब 160 से अधिक की गई जान
मणिपुर में हिंसा जारी है। 3 मई को जातीय हिंसा फैलने के बाद से अब तक 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। 60 हजार से अधिक लोगों को बेघर होना पड़ा है।
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