Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं के मन में बहुत से सवाल होते हैं। हालांकि, इसके लिए श्राइन बोर्ड की आधिकारिक साइट पर पूरी जानकारी मिल जाएगी। हम आपको रजिस्ट्रेशन का तरीका, क्या करें, क्या न करें जैसी बहुत सी बातों के बारे में बता चुके हैं। इसके अलावा, आज हम आपको अमरनाथ यात्रा के लिए सबसे सही रूट्स के बारे में बताएंगे। यहां जानिए जम्मू-पहलगाम से पवित्र गुफा तक कैसे पहुंचना है?
जम्मू से पहलगाम तक
जम्मू से पहलगाम 315 किमी है। जम्मू से पहलगाम के बीच की दूरी तय करने के लिए टैक्सी और बसों का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पर्यटक स्वागत केंद्र, जम्मू-कश्मीर सरकार, रघुनाथ बाजार से सुबह-सुबह टैक्सी और बसें ले सकते हैं। वहीं, दूसरा ऑप्शन हवाई सफर है, जो श्रीनगर तक जाता है। वहां से सड़क मार्ग से पहलगाम पहुंच सकते हैं।
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पहलगाम से पवित्र गुफा
श्रीनगर से पहलगाम की दूरी 96 किलोमीटर है। यहां ठहरने के लिए अच्छे होटल मिल जाएंगे। पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर नुनवान यात्री कैंप में गैर सरकारी संगठनों द्वारा मुफ्त लंगर का इंतजाम किया जाता है। तीर्थयात्री अपनी यात्रा की पहली रात पहलगाम में ही ठहरते हैं।
पहलगाम से चंदनवाड़ी
पहलगाम से निकलकर चंदनवारी पहुंचा जाता है, जो पहलगाम से 16 किलोमीटर दूर स्थित है। पहलगाम से चंदनवारी तक पहुंचने के लिए मिनी बस का सफर कर सकत हैं। यह रास्ता लिद्दर नदी के किनारे होता हुआ चलता है। यहां भी यात्रियों के लिए कई जगहों पर लंगर लगाए जाते हैं।

पवित्र गुफा
चंदनवाड़ी से पिस्सू टॉप
चंदनवाड़ी से आगे बढ़ते हुए पिस्सू टॉप तक पहुंचना होगा, इसके लिए ऊंचाई चढ़नी होती है। इसको लेकर कहा जाता है कि भोलेनाथ शिवशंकर के दर्शन के लिए कौन सबसे पहले पहुंचेगा, इसके लिए देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध हुआ था। कहा जाता है कि शिव की शक्ति से देवताओं ने राक्षसों को हरा दिया था। राक्षसों की लाशों का ढेर इस पहाड़ पर लग गया।
शेषनाग पर्वत
यात्रा की दूसरी रात शेषनाग पर ही गुजारी जाती है। शेषनाग एक पर्वत है, जिसका नाम इसकी 7 चोटियों से लिया गया है। यह पौराणिक सांप के सिर की तरह दिखाई देता है। शेषनाग में दूसरी रात का शिविर यहीं रुकता है, जो शेषनाग झील के गहरे नीले पानी और उससे आगे के ग्लेशियरों को देखता है।
पंचतरणी का सफर
शेषनाग से आगे बढ़ते हुए करीब 4.6 किलोमीटर तक 4276 मीटर (14000 फीट) की खड़ी चढ़ाई करनी होती है। इसमें महागुणस दर्रे को पार किया जाता है। फिर 3657 मीटर (12000 फीट) की ऊंचाई पर पंचतरणी के घास के मैदानों में पहुंचते हैं। महागुणस का रास्ता छोटी नदियों और झरनों से भरा है। पंचतरणी में, भैरव पर्वत के चरणों में पांच नदिया बहती हैं। यहां पर ठंडी हवाएं चलती हैं, जिसके लिए यात्रियों के पास ऊनी कपड़े जरूर रख लें।
इसके अलावा, कुछ यात्रियों को यहां पर ऑक्सीजन की कमी से परेशानी भी होगी। इस दौरान, कुछ को मतली जैसा फील होगा। इसके लिए सूखे मेवे, खट्टे और मीठे खाद्य और नींबू जैसी चीजें अपने पास रखें। वहीं, सबसे जरूरी है कि अगर ऐसा कुछ होता है, तो पास की चिकित्सा चौकी से संपर्क करें।
पवित्र गुफा श्री अमरनाथ
पवित्र गुफा के रास्ते में अमरावती और पंचतरणी नदियों का संगम आता है। कुछ तीर्थयात्री दर्शन के लिए जाने से पहले पवित्र गुफा के पास अमरावती में स्नान करते हैं। श्राइन बोर्ड के मुताबिक, यहां दो छोटे शिवलिंग मौजूद हैं, एक माँ पार्वती का और दूसरा श्री गणेश का है। पवित्र गुफा में शिवलिंग के सुबह दर्शन करने के बाद आप उसी दिन समय पर पंचतरणी वापसी कर सकते हैं।
जम्मू से बालटाल से पवित्र गुफा तक
जम्मू से सड़क मार्ग से श्रीनगर जाना होगा और फिर सोनमर्ग होते हुए बालटाल पहुंच सकते हैं। यहां से 14 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई है। इस रास्ते से केवल स्वस्थ लोग ही जा सकते हैं। हालांकि, टट्टू या पालकी भी किराए पर ली जा सकती है। चढ़ाई के बाद उसी दिन वापस भी आ सकते हैं।
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