अमरनाथ यात्रा की अवधि घटाए जाने के बाद सिक्योरिटी प्लान तैयार किया गया है। इस साल सीआरपीएफ, जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना के कंधों पर सिक्योरिटी की जिम्मेदारी होगी। पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष सुरक्षाकर्मियों की बहुत ज्यादा होगी। इसके अलावा यात्रा पर आने वाले भक्तों को भी कई जगहों पर कड़ी सुरक्षा के बीच से गुजरना पड़ेगा।
यात्रा के सभी सभी रूटों की होगी डिजिटल मैपिंग
जानकारी के मुताबिक, इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हो रही है। इस बार 38 दिन की यात्रा रही है। जबकि पिछली बार 52 दिनों की यात्रा हुई थी। बताया जा रहा है कि 9 अगस्त को यात्रा का समापन हो जाएगा। इसे देखते हुए सिक्योरिटी प्लान तैयार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था में सीआरपीएफ, जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना के जवान तैनात रहेंगे। अमरनाथ यात्रा के सभी सभी रूटों की डिजिटल मैपिंग की गई है। ताकि हर इलाके पर नजर रखी जा सके।
यात्री और पोनी राइडर्स के लिए होंगे डिजिटल पहचान पत्र
बताया जा रहा है कि यात्रा पर आने भक्तों और पोनी राइडर्स के लिए डिजिटल पहचान पत्र को अनिवार्य किया गया है। अगर यह पहचान पत्र नहीं होगा तो भक्तों और पोनी राइडर्स को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए पहले ही डिजिटल पहचान पत्र को लेकर आने यात्रियों और पोनी राइडर्स को अवगत करा दिया गया है।
अमरनाथ के रूट पर जगह-जगह लगेंगे जैमर
सूत्रों से पता चला है कि अमरनाथ यात्रा से जुड़े सभी नेशनल हाईवे और जुड़े सभी रूटों को यात्रा के दौरान ब्लॉक किया जाएगा। अमरनाथ यात्रा के दौरान पहली बार सभी रूटों पर जैमर भी लगाए जाएंगे और इन्हें सीएपीएफ की टीमें सुरक्षा देगी। इसके साथ ही सुरक्षा के ड्रोन, बम डिस्पोजल, क्विक रिएक्शन टीम, डॉग स्कवाड और पुलिस पीसीआर भी तैनात रहेंगे। इस बार में 581 कंपनियां यात्रा के दौरान ड्यूटी पर तैनात रहेंगी।