Dreamliner Air India: एअर इंडिया के ड्रीमलाइनर 787-8 विमान की गुत्थी लगातार उलझती जा रही है। अहमदाबाद से लंदन जा रही AI 171 फ्लाइट उड़ान भरने के 2 मिनट बाद ही रिहायशी इलाके में बने बीजे हॉस्टल की छत पर क्रैश हो गई। हादसा दोपहर 1.40 पर हुआ। प्लेन में 2 पायलट और 10 क्रू मेंबर समेत 242 लोग सवार थे। हालांकि सिर्फ एक शख्स जिंदा बचा। जिसका नाम रमेश विश्वास कुमार है। भारतीय मूल का ये ब्रिटिश नागरिक सीट नंबर 11 A पर बैठा था और चमत्कारिक रूप से बच गया। ये सीट प्लेन के इमरजेंसी एग्जिट के ठीक पास विंडो सीट होती है। आइए अब सीटमैप से जानते हैं कि ड्रीमलाइनर प्लेन में ऐसी कितनी सीट होती हैं और बाकी यात्रियों की जान क्यों नहीं बच पाई होगी?
ड्रीमलाइनर में होते हैं 8 इमरजेंसी एग्जिट
ड्रीमलाइनर प्लेन के सीटमैप के अनुसार, विमान में 300 यात्रियों के बैठने की क्षमता होती है। इस विमान में 230 यात्री सवार थे। विमान में 8 इमरजेंसी एग्जिट होते हैं। 2 एग्जिट बिजनेस क्लास के आगे, 2 इकोनॉमी क्लास के ठीक आगे (एक बाएं हाथ पर जहां रमेश बैठे थे), 2 इकोनॉमी क्लास के पीछे और 2 बिल्कुल पीछे लेवेट्री के पास। रमेश का कहना है कि वह प्लेन के उस हिस्से में था, जो हॉस्टल की खुली जगह पर गिरा था। ऐसे में उसने बाहर निकलने की थोड़ी कोशिश की और उसकी जान बच गई। हालांकि उसका बायां हाथ जल गया।
🧍♂️ Who is Ramesh Vishwaskumar?
•Age: 40
•Nationality: 🇬🇧 British citizen of Indian origin
•Seat: 11A (forward cabin, window seat)
•Was traveling with his brother, who is sadly still among the missing💥 The Crash:
•Flight AI171, a Boeing 787-8 Dreamliner, took off from… pic.twitter.com/GnzOwsYnkr---विज्ञापन---— Cata Paul (@CataPaul2) June 12, 2025
रमेश ने डीडी न्यूज से बातचीत में कहा- सब मेरी नजरों के सामने हुआ। मुझे खुद के बचने का अब तक विश्वास नहीं हो रहा है। थोड़े टाइम के लिए तो मुझे लगा कि मैं मरने ही वाला हूं, लेकिन जब मेरी आंख खुली तो पता चला कि मैं जिंदा हूं। फिर मैंने बाहर निकलने की एक कोशिश करने की सोची। मैंने सीट बैल्ट लगा रखी थी। इसे मैंने धीरे-धीरे खोलने की कोशिश की। मेरी नजरों के सामने ही एयर होस्टेस और बाकी यात्री मर चुके थे।
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टेकऑफ के बाद क्या हुआ?
इस सवाल के जवाब में रमेश ने कहा- टेकऑफ के एक मिनट के बाद ही 5-10 सेकंड के लिए सबकुछ जाम सा हो गया था। प्लेन में ग्रीन और व्हाइट लाइट ऑन हो गई। फिर प्लेन को टेकऑफ करने के लिए जब ज्यादा जोर लगाया गया, तो ये ऊपर उड़ने के बजाय नीचे गिरता चला गया।
🚨 MIRACLE SURVIVOR SPEAKS!
The ONLY survivor of the AirIndia crash, Vishwas Kumar Ramesh, tells DD News:
🗣️ “The side door broke… there was a small gap. I thought, maybe I can escape through this… and I DID!”
💔 Tragedy in Ahmedabad, This Man’s Luck, Instinct or Blessing! pic.twitter.com/tTrZ1yrYy5
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) June 13, 2025
कैसे जिंदा बचे रमेश विश्वास कुमार?
रमेश ने आगे कहा- मैं जहां गिरा हुआ था, वहां हॉस्टल का ग्राउंड था। मुझे दूसरे लोगों के बारे में पता नहीं, लेकिन जहां मेरी सीट गिरी, वहां थोड़ा स्पेस था। मेरी तरफ का गेट टूटा हुआ था। मैंने यहां थोड़ी जगह देखी तो सोचा कि यहां से निकलने के लिए कोशिश कर सकता हूं। अगर मैं बिल्डिंग की साइड वाली दीवार की तरफ बैठा हुआ होता तो शायद नहीं निकल पाता।
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क्यों नहीं बच पाई बाकी यात्रियों की जान?
जैसा कि रमेश के बयान से साफ है कि वह इमरजेंसी एग्जिट के बिल्कुल पास बैठे थे। जैसे ही फ्लाइट क्रैश हुई तो उनकी साइड वाला हिस्सा एक ऐसी जगह पर गिरा जहां काफी स्पेस था। खास बात यह थी कि इमरजेंसी एग्जिट खुद ही टूट गया था, जिससे रमेश को बाहर निकलने का मौका मिला। जबकि बाकी यात्रियों की तरफ दीवार थी और जिस तरह से प्लेन में धमाका और गर्मी थी, उससे किसी को भी बचने का मौका नहीं मिला। हालांकि रमेश का बचना पूरी तरह से चमत्कारिक है। हालांकि अब बीजे हॉस्टल की छत से ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है। जिससे इस हादसे का राज पता चलेगा।
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