Organ Donation After Death in Karnataka: लोग जीते-जी दूसरों को मार देते हैं, लेकिन ‘मदन’ ने मरते-मरते 5 लोगों को नई जिंदगी दे दी। कर्नाटक के नेलमंगला तालुक में सोमसागर के रहने वाले 22 वर्षीय कैब ड्राइवर मदन कुमार एसवी, 24 सितंबर को डबस्पेट में एक सड़क हादसे का शिकार हो गए। तीन दिन बाद डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इस पर परिवार ने उनके अंगों को दान करने का फैसला किया। इसमें मदन के लीवर, किडनी, हृदय और कॉर्निया शामिल हैं।
घर लौटते समय हुआ था हादसा
न्यूज साइट टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार मदन कुमार काम के बाद अपने घर लौट रहे थे। तभी वह एक हादसे का शिकार हो गए। इसके बाद उन्हें वी-केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में उन्हें तुमकुरु के सिद्धगंगा अस्पताल के लिए रेफर किया गया। जहां से उन्हें यशवंतपुर के स्पर्श अस्पताल ले जाया गया। जान बचाने के अथक प्रयासों के बावजूद मदन कुमार ने दम तोड़ दिया।
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दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए उठाया कदम
मदन कुमार के पिता विजय कुमार और मां लक्ष्मी देवी पशुपालन का काम करते हैं। मदन के भाई मंजूनाथ एसवी ने बताया कि अंग दान को लेकर चर्चा शुरू हुई तो परिवार के सभी लोग सहमत हो गए। परिवार के लोगों ने कहा कि एक की जान चली गई है तो हम दूसरों को जीवन देना चाहते थे। ऐसे कई लोग हैं जिन्हें अंगों की जरूरत है। इसके बाद डॉक्टरों को अंगदान के लिए कहा गया।
दिल्ली एम्स में भी दान किए थे अंग
बता दें कि इसी साल मई में दिल्ली स्थित एम्स में हादसे के बाद मृत घोषित 59 साल के रूपचंद्र सिंह के परिवार ने भी अंगदान किया था। वहीं मदन के परिवार ने बताया था कि 30 अप्रैल को वे एक भीषण सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए थे। इलाज के दौरान उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया। इसके बाद डॉक्टरों ने पांच लोगों की जिंदगी बचाई।