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आने वाली है दुनिया की पहली Lung Cancer की वैक्सीन! कैसे काम करेगा ये खास टीका?

World's First Lung Cancer Vaccine: ब्रिटेन के वैज्ञानिक इस समय लंग कैंसर के इलाज के लिए वैक्सीन बनाने के काम में जुटे हुए हैं। बता दें कि ब्रिटेन में हर साल लंग कैंसर के करीब 50,000 मामले सामने आते हैं। इनमें से करीह 35,000 की जान चली जाती है। अगर वैज्ञानिक इस वैक्सीन को बनाने में सफल होते हैं तो हर साल हजारों लोगों की जान बचाई जा सकेगी।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Mar 22, 2024 13:12
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Lung Cancer Vaccine
Representative Image (Pixabay)

World’s First Lung Cancer Vaccine : आज के समय में मेडिकल साइंस ने काफी उन्नति कर ली है। एक समय में बेहद गंभीर मानी जाने वाली बीमारियों का अब आसानी से इलाज हो पा रहा है। इसी लिस्ट में जल्द ही लंग कैंसर यानी फेफड़ों के कैंसर का नाम भी शामिल हो सकता है। दरअसल, ब्रिटेन के वैज्ञानिक दुनिया की पहली ऐसी वैक्सीन डेवलप करने पर काम कर रहे हैं जिससे लंग कैंसर का इलाज संभव हो सकेगा।

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रिपोर्ट्स के अनुसार हमारे फेफड़ों की कोशिकाओं पर कुछ ‘रेड फ्लैग’ प्रोटीन्स जमा हो जाते हैं। इन प्रोटीन्स में कैंसर का कारण बनने वाले म्यूटेशन होने का खतरा होता है। जिस वैक्सीन पर काम चल रहा है वह हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को इन्हीं ‘रेड फ्लैग्स’ का पता लगाने और नष्ट करने के लिए ट्रेन करेगी। माना जा रहा है कि यह वैक्सीन हर साल हजारों लोगों की जान बचाने का काम करेगी। वैज्ञानिकों को इससे काफी उम्मीदें हैं।

ब्रिटेन में हर साल 50 हजार मरीज

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के एक्सपर्ट इस वैक्सीन को बनाने के काम में लगे हुए हैं। बता दें कि लंग कैंसर ब्रिटेन में कैंसर का सबसे घातक स्वरूप है। हर साल इस देश में इस बीमारी के करीब 50,000 मामले सामने आते हैं और इनमें से लगभग 35,000 मरीजों की मौत हो जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में लंग कैंसर के हर 10 में से सात मामले स्मोकिंग से जुड़े होते हैं।

लंग कैंसर के इलाज में होगी आसानी

‘द सन’ की एक रिपोर्ट के अनुसार वैक्सीन डेवलपमेंट के मिशन में ट्रायल लीडर मरियम जमाल हंजानी ने कहा कि लंग कैंसर से पीड़ित 10 प्रतिशत से भी कम लोग 10 साल या फिर इससे अधिक समय तक जीवित रह पाते हैं। उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन के जरिए लंग कैंसर के सभी मरीजों के करीब 90 प्रतिशत लोगों का इलाज किया जा सकेगा। इस वैक्सीन से शुरुआती स्टेज के कैंसर के मरीजों को ठीक करने में आसानी मिल सकेगी।

किस तरह काम करेगी यह वैक्सीन?

जानकारी के अनुसार इस टीके को लंगवैक्स (LungVax) नाम दिया गया है। इसे बनाने में उसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है जिसकी सहायता से ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन बनाई गई थी। इसमें चिंपांजी में पाए जाने वाले एक वायरस के जरिए खतरनाक प्री-कैंसर प्रोटीन्स के डीएनए का एक हिस्सा शरीर में इंजेक्ट किया जाएगा। इसके बाद व्हाइट ब्लड सेल्स इन प्रोटीन्स की पहचान करना और इन्हें नष्ट करना सीखेंगी।

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Gaurav Pandey

First published on: Mar 22, 2024 01:09 PM

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