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कोरोना के बाद अब इस खतरनाक ‘चीनी बीमारी’ ने दी दस्तक, सांस लेने में हो रही दिक्कत

White Lung Syndrome : चीन से निकली व्हाइट लंग सिंड्रोम बीमारी ने कई देशों को अपनी चपेट में ले ली है। अमेरिका, नीदरलैंड और डेनमार्क में इस बीमारी के लक्षण पाए गए हैं।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Dec 13, 2023 10:31
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White Lung Syndrome : दुनिया में अभी पूरी तरह कोरोना महामारी खत्म नहीं हो पाई है। इस बीच एक और खतरनाक बीमारी ने दस्तक दे दी है। चीन से फैले कोराना वायरल ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। इसी तरह की एक और खतरनाक वायरल तेजी से फैल रहा है। यह वायरस भी चीन से आया है। इस वायरल का नाम व्हाइट लंग सिंड्रोम है। इस लेकर भारत सरकार ने कई राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया है।

चीन से निकली व्हाइट लंग सिंड्रोम बीमारी ने कई देशों को अपनी चपेट में ले ली है। अमेरिका, नीदरलैंड और डेनमार्क में इस बीमारी के लक्षण पाए गए हैं। इसे लेकर लोग काफी चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें फिर से मुंह पर मास्क लगाकर घुमना पड़ेगा। इस संक्रमण को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है। इसके बाद उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु की सरकारों ने स्वास्थ्य विभागों को सांस से जुड़ी बीमारियों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। साथ ही एक एडवाइजरी जारी कर लोगों से मास्क लगाने की अपील की गई है।

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यह भी पढ़ें : Lung Disease: क्या है लंग सिंड्रोम

जानें क्या है व्हाइट लंग सिंड्रोम

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व्हाइट लंग सिंड्रोम बीमारी एक तरह की मिस्टीरियस निमोनिया है। निमानिया में कफ की समस्या होती है, लेकिन इस बीमारी में लंग्स में चकत्ते पड़ जाते हैं। वाइट लंग सिंड्रोम की वजह से फेफड़ों में सूजन या सफेद धब्बे पड़ जाते हैं, जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है। साथ ही बुखार, खांसी, गले में खराश और स्कीन पर चकत्ते के लक्षण नजर आने लगते हैं। इस बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आते हैं। अगर कोई बच्चा व्हाइट लंग सिंड्रोम का शिकार हो जाता है तो उसकी छाती में सफेद पैच हो जाता है। यह बीमारी सबसे ज्यादा सर्दियों में फैलती है।

व्हाइट लंग निमोनिया से पीड़ित व्यक्ति का सफलतापूर्वक हुआ इलाज

नई दिल्ली के एक अस्पताल में व्हाइट लंग या व्हाइट लंग निमोनिया से पीड़ित एक 42 साल के मरीज का सफलतापूर्वक इलाज हुआ है। पहले उस मरीज का इलाज आगरा के एक प्राइवेट अस्पताल में हुआ था, जब वह ठीक नहीं हुआ तो उसे दिल्ली रेफर कर दिया गया। उस मरीज को बुखार, बलगम वाली खांसी और सांस लेने में दिक्कतें थीं। जांच के बाद पता कि वह फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारी एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) के साथ H1N1 पॉजिटिव से संक्रमित है। हालांकि, डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक इलाज कर उसे ठीक कर दिया है।

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News24 हिंदी

First published on: Dec 13, 2023 10:31 AM

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