Thyroid Diet Chart Dos and Don’ts: आज के समय में कब कौन सी बीमारी हो जाए कुछ पता नहीं चल सकता है। बिगड़ती लाइफस्टाइल कहीं न कहीं लोगों के लिए एक बड़ी समस्या खाड़ी सकती है। इसलिए जरूरी है कि हम अपने खानपान से लेकर रहन-सहन में बदलाव करें और अपनी बिगड़ती लाइफस्टाइल में सुधार करें। वरना मधुमेह, मोटापा समेत थायरॉयड रोग की चपेट में आने से कोई नहीं रोक सकता है। बात करें थायरॉयड कि तो ये बीमारी आजकल बहुत नॉर्मल हो गई है। गर्दन के नीचे के हिस्से में स्थित एक ग्रंथि को थायरॉयड कहा जाता है। इसके लक्षण बहुत आम होते हैं जिनकी पहचान अगर समय रहते कर ली गई तो इससे बचाव हो सकता है।
आरवी हेल्थकेयर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की डाइटिशियन सविता महतो से News24 द्वारा बातचीत की गई और थायरॉयड से संबंध में कुछ सवाल भी किए जैसे- थायरॉयड क्या होता है? थायरॉयड के कितने प्रकार है? थायरॉयड के लक्षण बचाव के अलावा थायरॉयड होने पर क्या खाना चाहिए या क्या नहीं खाना चाहिए? ऐसे तमाम लाइफस्टाइल से संबंधित सवालों पर बातचीत हुई जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
Thyroid के दो मुख्य प्रकार कौन से हैं?
1. Hyperthyroidism- इसे ओवरएक्टिव थायरॉयड के तौर पर भी जाना जाता है। ये एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है जब थायरॉयड ग्रंथि बहुत अधिक थायरॉयड हार्मोन का प्रोडक्शन करती है।
2. Hypothyroidism- इसे अंडरएक्टिव थायरॉयड के तौर पर भी जाना जाता है। ये एक ऐसी स्थिति है जहां थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायरॉयड हार्मोन का प्रोडक्शन नहीं करती है।
ये भी पढ़ें- Healthy Eating Habits: ये 6 टिप्स बदल देंगे आपका लाइफस्टाइल
Thyroid Symptoms
- थकान
- सुस्ती
- आलस्य
- लो एनर्जी
इससे मेंटल फंक्शनिंग पर पड़ता है असर
थायरॉइड रोगियों के मेंटल फंक्शन पर भी असर पड़ सकता है। ऐसे में कॉन्संट्रेशन पावर में कमी, मूड स्विंग होना, किसी काम में मन न लगना, पाचन तंत्र धीमा होना, स्किन ड्राइनेस, बालों का पतला होना या फिर महिलाओं के मासिक धर्म चक्र में गड़बड़ी होना शामिल है।
क्या खाएं?
- सेंधा नमक या सेंधा नमक का प्रयोग करें।
- भीगे हुए बीज जैसे- कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, अलसी के बीज आदि।
- हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक सेवन करें।
- नारियल तेल और सरसों तेल।
क्या न खाएं?
रिफाइंड नमक, रिफाइंड ऑयल, सोया उत्पाद जैसे- सोयाबीन, सोयाबीन तेल, सोया चाप, सोया न्यूट्री, सोया दूध आदि। इन सबके अलावा पत्ता गोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, केल आदि को न खाएं। अगर सेवन करना हैं तो आप इन चीजों पकाकर, भाप में पकाकर, भूनकर खा सकते हैं। पत्ता गोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली और केल कच्चा न खाएं।
इन बातों का रखें ख्याल
एक अच्छी हेल्दी लाइफस्टाइल को होना जरूरी है। अपनी डाइट से रिफाइंड चीजों को बिल्कुल हटा दीजिए। साथ ही 7 से 8 घंटे की नींद लें। तनाव कम से कम या न लें। दिनभर में 5 लीटर तक पानी पीने की कोशिश करें। इसके अलावा एक्सरसाइज और योग आदि को अपनाएं।
ये भी पढ़ें- Oats vs Dalia: वजन घटाना हो या बढ़ाना, जानें कौन सा बेस्ट?