Diarrhoea Causes: भारत सरकार अलग-अलग बीमारियों की रोकथाम के लिए की मिशन चला रही है। ओबेसिटी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने #StopDiarrhoea2025 कैंपेन की शुरुआत की है। बता दें कि इस मिशन के तहत देश के उन बच्चों की जान को बचाना है, जो डायरिया की चपेट में आते हैं और अपनी जान गंवा देते हैं। डायरिया का प्रकोप हमारे देश में काफी समय से है। खासतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को बहुत अधिक डायरिया की बीमारी होती है। भारत में डायरिया होने का प्रमुख कारण गांवों और छोटे शहरों के अंदर साफ पानी की सप्लाई का न होना है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
देश में क्यों डायरिया एक्टिव?
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चों की मौता का तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक कारण डायरिया है। इनमें 5 साल से कम आयु के बच्चे होते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 1 माह से लेकर 6 साल की आयु के बच्चों की डायरिया से होने वाली मौतों की अनुमानित संख्या 1,58,209 है। स्टॉप डायरिया मिशन के तहत डायरिया से होने वाली मौतों को शुन्य करना है, खासतौर पर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की।
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मिशन का मकसद क्या है?
इस मिशन का लक्ष्य देश के 23 से 34 लाख बच्चों को लाभ पहुंचाना है। इस कैंपेन के तहत मौतों को नियंत्रित करना है। इसका मुख्य उद्देश्य ORS–Zinc का वितरण, स्वच्छता को बढ़ावा देना और टीकाकरण ज्यादा से ज्यादा होना और बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह अभियान 16 जून से शुरु हुआ था, जो 31 जुलाई तक चलेगा। फिलहाल, इस मुहिम के तहत आंध्र प्रदेश, हरियाणा, बिहार के कुछ इलाकों और नागालैंड में कैंपेन भी चलाए जा रहे हैं।
डायरिया क्या है?
डायरिया में हल्की, पतली या पानीदार मल आता है। खराब खाना या भोजन पेट में इंफेक्शन को बढ़ावा देता है, जिससे दस्त होती है और कई बार उल्टी भी होती है। यह पेट से जुड़ा संक्रमण ही होता है।
डायरिया बच्चों में होने वाली एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है, जिसे सही जानकारी और देखभाल से रोका जा सकता है।
साफ पानी, स्वच्छता, पौष्टिक आहार और समय पर उपचार से बच्चों को स्वस्थ रखा जा सकता है।#StopDiarrhoea2025 pic.twitter.com/bZHBabEsnc
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) July 9, 2025
डायरिया के संकेत
दिन में बच्चे को 3 बार से ज्यादा बार पतली दस्त होना, डायरिया का लक्षण होता है। बच्चे के पेट में बहुत अधिक मरोड़े, दर्द और ऐंठन होना है। मामला बहुत गंभीर होने पर उल्टी भी हो सकती है।
रोकथाम के लिए क्या करें?
सरकार द्वारा चलाई गई मुहिम के तहत डायरिया से बचाव के लिए छोटे बच्चों को विटामिन-ए की खुराक जरूर देनी चाहिए। पानी साफ और उबालकर पिलाएं। भोजन से पहले और शौच के बाद अपने बच्चों का हाथ साबुन से धुलवाएं और आप अगर उन्हें खाना खिलाते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें। बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग और डाइट के लिए सही पीडियाट्रिशियन से सलाह लें। बच्चों को रोटावायरस और खसरे का टीका लगवाना न भूलें।
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