Stomach Cancer Symptoms: पेट का कैंसर तब शुरू होता है जब पेट की अंदरूनी दीवारों पर कैंसर सेल्स बनने लगती हैं. ये सेल्स ट्यूमर में भी बदल सकती हैं. लेकिन, कैंसर सेल्स रातोंरात नहीं बनती और ना ही रातोंरात इसका पता चलता है बल्कि साल-दर-साल पेट का कैंसर बढ़ने लगता है. इसे गैस्ट्रिक कैंसर (Gastric Cancer) भी कहते हैं. पेट का कैंसर तकरीबन 95 फीसदी तक ग्लैंडुलर टिशू में होता है जोकि पेट की अंदरूनी लाइनिंग है. यह कैंसर पेट की दीवारों से गिरता हुआ खून में या लिंफेटिक सिस्टम में मिल जाता है जिससे यह कैंसर पेट ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है. ऐसे में पेट के कैंसर के शुरुआती लक्षणों (Early Signs) को पहचानना और समय रहते मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है.
पेट के कैंसर के पहले स्टेज के लक्षण | Stomach Cancer 1 Stage Symptoms
पेट के कैंसर के स्टेज टीएनएम (TNM) सिस्टम से निर्धारित होते हैं.
T – पेट की दीवारों पर कैंसर कितनी गहराई तक फैला है
N – क्या कैंसर लिंफ नोड्स तक फैल गया है
M – क्या पेट का कैंसर शरीर के बाकी अंगो तक फैल गया है
कैंसर की जीरो स्टेज में पेट की लाइनिंग में कैंसर बनने लगता है और स्टेज ए और बी में भी यही होता है. इसके बाद स्टेज 2 और बी आते हैं जिनमें गहराई तक कैंसर फैलता है.
- स्टेज 1 कैंसर (Stage 1 Cancer) में सीने में जलन, अपच, दस्त, जी मितलाना, उल्टी होना और भूख ना लगना शामिल है. पेट में सूजन हो जाती है जिसे साफ देखा जा सकता है.
- नाभि के बिल्कुल ऊपर अजीब सी असहजता महसूस होती है और दर्द रहता है.
- अचानक से वजन कम होने लगता है. थोड़ा सा भी खाने के बाद सीने के नीचे का हिस्सा फूला हुआ नजर आता है.
- हीमोग्लोबिन कम होने से अनीमिया हो जाता है. इस तरह के शुरुआती लक्षण कैंसर की पहली स्टेज में नजर आते हैं.
- ट्यूमर बढ़ने पर यानी कैंसर गंभीर होने पर पेट में दर्द और मल में खून आने जैसे लक्षण दिखते हैं.
क्या पेट के कैंसर से जान जा सकती है?
पेट के कैंसर के शुरुआती लक्षण ना पहचाने गए तो यह जान के लिए खतरनाक हो सकता है और इससे जान जा सकती है. अगर इसका समय रहते पता लगाया जा सके तो इसे ठीक किया जा सकता है. हालांकि, आमतौर पर पेट के कैंसर के शुरुआती लक्षण पहचान में नहीं आते और यह लिंफ नोड्स या अन्य अंगों तक फैल जाता है तो तबतक काफी देर हो चुकी होती है.
पेट का कैंसर होने के कारण
- धुम्रपान करना
- बैक्टीरिया हेलिकोबैक्टर पाइलोरी से संक्रमित होना
- 60 से ज्यादा वर्ष का होना
- एल्कोहल का सेवन
- रेड ब्लड सेल्स कम होना
- क्रोनिक गैस्टराइसिस यानी पेट का संक्रमण
- परिवार में किसी को पेट का संक्रमण रहना
- अल्सर डिजीज के लिए आंशिक गैस्ट्रेक्टोमी
- पेट से जुड़ी कोई जेनेटिक कंडीशन होना.
अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज 24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.