Sleeping Facts: एक नई रिसर्च इस बारे में बताती है कि नींद के दौरान देखे गए सपनों का राज हमारी आंखों की पुतलियां खोल सकती हैं। जी हां, शोधकर्ताओं के अनुसार, अगर हम किसी अच्छी याद के बारे में सपने में सोचते हैं या देखते हैं, तो हमारी आंखों की पुतली का साइज बदल सकता है। इस रिसर्च के बारे में हम आपको न्यूरोसाइंसन्यूज डॉट कॉम में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार बता रहे हैं। उन्होंने इस रिसर्च के बारे में और भी कई तथ्यों को पेश किया है। आइए जानते हैं।
कहां हुई है यह रिसर्च?
एनडीटवी की रिपोर्ट के मुताबिक, नेचर में पब्लिश एक खबर यह बताती है कि साइंटिस्टों ने पाया है कि प्यूपिल के साइज की यह रिसर्च न्यूरोबायोलॉजी एवं व्यवहार विभाग में सहायक प्रोफेसर अजाहारा ओलिवा और जीव विज्ञान के सहायक प्रोफेसर एवं नैन्सी एवं पीटर मेनिग फैमिली ने की है, जो कि कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक हैं। उन्होंने चूहों पर यह अध्ययन किया है। चूहों के द्वारा बनाई गई यादों के अनुसार, इस बात की पुष्टि हुई है कि पुतलियों का साइज हमें सपनों के बारे में बताता है।
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ये हैं कुछ फैक्ट्स
1. आंखों की पुतली का साइज- सिकुड़ी हुई पुतलियों का मतलब यह होता है कि हम नई यादों को इकट्ठा कर रहे हैं। वहीं, फैली हुई पुतलियों के बारे में बताया गया है कि सोता हुआ इंसान किसी पुरानी याद के बारे में नींद में सोच रहा है।
2. नई और पुरानी यादों का समीकरण- रिसर्च के मुताबिक शोधकर्ताओं ने पाया कि नींद में नई और पुरानी यादों का आदान-प्रदान चलता रहता है। इस रिसर्च की मानें, तो बायोलॉजिकल और आर्टिफिशियल न्यूरो वर्क की समस्याओं का समाधान हो सकता है।
3. मस्तिष्क की इंटर्नल ग्रोथ- रिसर्च में यह भी पाया गया है कि नींद के दौरान हमारा मस्तिष्क अलग-अलग अवस्थाओं में होता है, जिसके चलते दिमाग के अंदर यादों का टकराव हो सकता है। इस टकराव से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। पुतलियों का साइज इस समस्या से भी बचाने में हमारी सहायता करता है। साथ ही हमारी मेमोरी को भी मजबूत करता है।
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