Osteoporosis Causes, Risk Factors & Symptoms: बढ़ती उम्र के साथ ही हड्डियों का कमज़ोर होना आम बात है। लेकिन जब ये कमज़ोरी हद से ज़्यादा होने लगे और नौबत ये आ जाती है कि हड्डियां बहुत ही आसानी से टूटने लगे या फ्रैक्चर हो जाए, तो उस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) कहते हैं। माइक्रोस्कोप से देखने पर हेल्दी बॉन शहद के छत्ते जैसी दिखती है। जब ऑस्टियोपोरोसिस होता है, तो छत्ते में छेद और हेल्दी बॉन की तुलना में बहुत बड़े होते हैं। ऑस्टियोपोरोटिक में हड्डियों की डेंसिटी कम हो जाती है और उनमें असामान्य टिश्यू के साइज की होती है। जैसे-जैसे हड्डियों की डेंसिटी कम होती जाती है, वे कमजोर होती जाती हैं और उनके टूटने की संभावना ज्यादा होती है।
Osteoporosis- Symptoms, Causes and Treatment, देखें Dr. Soumya Chakraborty Consultant – Orthopedic Surgeon, Narayana Health से-
Silent Bone Disease क्या है?
मेडिकल टर्म में इसे कमजोर हड्डियां या ऑस्टियोपोरोसिस भी कहा जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जो अक्सर बुजुर्गों में देखा जाता है। मुख्य रूप से महिलाओं में मेनोपॉज के बाद और पुरुषों में 60 साल की आयु के बाद होता है। इसके विपरीत, युवा आबादी ऑस्टियोपोरोसिस से पहले की ऑस्टियोपीनिया स्थितियों से भी पीड़ित हो सकती है। यह स्थिति गतिविधि की कमी और विटामिन डी की कमी के कारण होती है।
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Osteoporosis के Risk Factors
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Silent Bone Disease के लक्षण
ऑस्टियोपोरोसिस का निदान कैसे करें
ऑस्टियोपोरोसिस का निदान मुख्य रूप से कुछ ब्लड पैरामीटर पर आधारित होता है, जिसके बाद डेक्सा स्कैन की डब्ल्यूएचओ की सिफारिश की जाती है। इस बारे में आपको अपने डाक्टर से चर्चा की जा सकती है, जो आपको आपके क्लिनिकल हिस्ट्री से जुड़ी जांच करने के लिए करेगा। कभी-कभी आपकी क्लिनिकल प्रस्तुति के आधार पर आपके हार्मोनल लेवल का भी आकलन करने की जरूरत होती है। इसपर डॉक्टर के द्वारा सलाह कर सकते हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण, कारण और उपचार जानें Sancheti Hospital से Dr. Ajay Kothari की Video में (Spine Specialist, Sancheti Hospital)
ऑस्टियोपोरोसिस को कैसे रोकें
हड्डियों में तीन प्रकार की सेल्स होती हैं- ऑस्टियोब्लास्ट, ऑस्टियोक्लास्ट और ऑस्टियोसाइट।
ऑस्टियोक्लास्ट हड्डियों के पुनर्जीवन या डैड बॉन को खाने के लिए जिम्मेदार है।
ऑस्टियोब्लास्ट नई हड्डियों को बनाने के लिए होता है। हार्मोनल, गतिविधि की कमी, बिगड़ती जीवन शैली, स्टेरॉयड, ज्यादा शराब का उपयोग आदि, जैसे- अलग-अलग कारणों से होता है।
अगर जल्दी निदान किया जाए तो कुछ दवाएं, जैसे-
- बिस्फोस्फेट्स डेनोसुमैब (Bisphosphates, Denusomab)
- मल्टीविटामिन और वीआईटी डी सप्लीपेंट (Multivitamins and VIT D supplements)
- पैराथाइरॉइड हार्मोन (Parathyroid hormone)
- व्यायाम जैसी स्वस्थ जीवनशैली
अगर ऑस्टियोपोरोसिस का पता चलता है तो क्या करें
अगर आप सभी उपाय करते हैं, जैसे नियमित रूप से दवाएं लेना और अपने डॉक्टर से नियमित जांच कराना, तो काफी अच्छा है। फ्रैक्चर से बचने के लिए छड़ी या वॉकर की मदद लेना। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए नियमित रूप से पैदल चलना और व्यायाम करना चाहिए।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।