Ratondhi Ke Lakshan: रतौंधी को मेडिकल टर्म में निक्टालोपिया कहते हैं और आम भाषा में नाइट ब्लाइंडनेस (Night Blindness) या रात्रि अंधापन भी कहा जाता है. रतौंधी होने पर व्यक्ति को रात के समय कम दिखाई देता है या नहीं दिखता है. इसमें आंखें रोशनी से अंधेरे में खुद को एडजस्ट नहीं कर पाती हैं. ऐसी कुछ कंडीशंस हैं जिसमें रतौंधी हो सकती है. रतौंधी होने पर व्यक्ति को दिन में तो सामान्य रूप से दिखाई देता है लेकिन रात में देखने में तकलीफ होती है. बहुत से लोगों को बचपन से ही रतौंधी की परेशानी हो जाती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं किस विटामिन की कमी से रतौंधी हो सकती है या और कौन से कारक हैं जो रतौंधी होने की वजह (Ratondhi Causes) बनते हैं.
किस विटामिन की कमी से रतौंधी हो सकती है
रतौंधी होने का एक आम कारण है शरीर में विटामिन ए की कमी हो जाना. विटामिन रेटिना में रोडोप्सीन नाम के प्रोटीन के प्रोडक्शन के लिए जरूरी होता है और व्यक्ति को कम रोशनी में देखने में मदद करता है. शरीर में विटामिन ए की कमी हो जाए तो व्यक्ति को अंधेरे में देखने में परेशानी होती है. खासतौर से रात के समय व्यक्ति को कुछ नजर नहीं आता.
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रतौंधी होने के ये भी हैं कारण
मोतियाबिंद – आंखों का प्राकृतिक लेंस धुंधला होने पर मोतियाबिंद (Motiyabind) हो जाता है. मोतियाबिंद होने पर रतौंधी हो सकती है.
आनुवांशिक विकार – रेटिलाइटिस पिगमेंटोसा एक आनुवांशिक विकार है जिसमें रेटिना धीरे-धीरे खराब होने लगता है और रतौंधी हो सकती है.
ग्लूकोमा – ग्लूकोमा आंखों के अंदर बढ़ा हुआ दबाव ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचा सकता है जिसमें दिखने में दिक्कत होती है.
डायबिटीज – मधुमेह के रोगियों की रेटिना डैमेज होने लगती है जिससे रतौंधी होने की संभावना बढ़ जाती है.
रतौंधी के लक्षण
- रतौंधी होने पर शाम ढलने के बाद धुंधला नजर आना शुरू हो जाता है.
- कम रोशनी में देखने में परेशानी होती है. सिनेमा हॉल, घर की छत पर या ड्राइविंग करते हुए दिखना बंद हो जाता है.
- तेज रोशनी से एकदम अंधेरे में जाया जाए तो कुछ दिखाई नहीं देता है.
रतौंधी का इलाज
रतौंधी होने के कारण का पता लगाकर इलाज किया जाता है. अगर रतौंधी विटामिन ए की कमी से हुई है तो खानपान में विटामिन ए से भरपूर चीजें जैसे गाजर, शकरकंद, कद्दू, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और बथुआ, फलों में आम और पपीता, एनिमल प्रोडक्ट्स में अंडे की जर्दी, मछली, दूध और घी का सेवन किया जा सकता है. इसके अलावा डॉक्टर विटामिन ए सप्लीमेंट्स और फॉर्टिफाइड फूड्स खाने की सलाह दे सकते हैं.
मोतियाबिंद के कारण रतौंधी होने पर मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई जाती है जिससे रात में साफ दिखने लगे. ग्लूकोमा (Glucoma) होने पर दवाइयों और सर्जरी से आंखों को ठीक किया जाता है, वहीं आनुवांशिक नेत्र रोग में डॉक्टर की सलाह से चश्मे लगवाए जा सकते हैं या जीवनशैली में जरूर बदलाव किए जाते हैं.
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