Pollution Causes At Home: कपड़े धोने के लिए डिटर्जेंट का प्रयोग काफी सालों से हो रहा है। इनसे कपड़ों पर जमी गंदगी, मैल और बदबू दूर होती है और इनमें कपड़ों में मौजूद कीटाणु भी मर जाते हैं। हालांकि, साबुन और कपड़े धोने वाले पाउडर का निर्माण लोगों की सेहत और कपड़े धोने की पुरानी पद्धति में एक सकारात्मक बदलाव का तरीका था जिसे सार्वजनिक तौर पर खूब सराहा भी गया है। आज भी लोग इनका इस्तेमाल करते हैं, शायद ही ऐसा कोई घर होगा जहां इन उत्पादों के बिना कपड़े धोए जाते होंगे। मगर अब कपड़े धोने के लिए और भी कई नई चीजें आ चुकी हैं, जिनमें डिटर्जेंट लिक्विड और कैप्सूल्स भी हैं। साथ ही, सर्दियों के कपड़ों के लिए भी अलग प्रोडक्ट्स मिलने लगे हैं। आपने फैब्रिक सॉफ्टनर का नाम तो सुना ही होगा? यह एक नया क्लोथिंग प्रोडक्ट है जो कपड़ों को खुशबूदार और मुलायम बनाने का काम करता है। इस पर हुआ एक अध्ययन बताता है कि यह हमारी सेहत बिगाड़ सकता है, मगर कैसे? आइए जानते हैं।
किस काम आता है फैब्रिक सॉफ्टनर?
Fabric Softner एक ऐसा प्रोडक्ट है, जिसमें कपड़ों को साबुन या पाउडर में धोने के बाद अंत में डुबोया जाता है। इससे कपड़ों में कोमलता आती है और कपड़ों में पसीने या किसी और प्रकार की बदबू नहीं आती है। हालांकि, इसे खास कपड़ों पर इस्तेमाल के लिए बनाया गया था लेकिन लोग इनका यूज डेली बेसिस के कपड़ों पर भी कर रहे हैं। इन फैब्रिक सॉफ्टनर्स से विंटर क्लोथ्स में रेशे भी नहीं पड़ते हैं, इसलिए सर्दियों में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
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क्या कहती है रिसर्च?
कपड़ों पर इस्तेमाल किए जाने वाले इस प्रोडक्ट पर कई अध्ययन हो चुके हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, अपटाउन डर्मेटोलॉजी ह्यूस्टन में छपी रिपोर्ट बताती हैं कि फैब्रिक सॉफ्टनर के इस्तेमाल से स्किन पर असर पड़ सकता है। दरअसल, इस लिक्विड के कण ड्राई होने के बाद भी कपड़ों पर रह जाते हैं, जिससे वह हमारी त्वचा के संपर्क में आते हैं। वहीं, इससे आने वाली खुशबू भी काफी स्ट्रॉन्ग होती है, जो घर में पॉल्यूशन का स्तर बढ़ाने का काम करती है। इसकी खुशबू को इनहेल करना हमारी सेहत के लिए बिल्कुल सही नहीं है।
कैसे पहुंचाती है नुकसान?
फैब्रिक सॉफ्टनर के कण हवा में घुलते हैं, जिससे घर में रहने वाले लोग इसे काफी समय तक सांसों के माध्यम से शरीर के अंदर इनहेल करते हैं। इसकी खुशबू की सेकेंडरी पॉल्यूशन कैटेगरी में आने वाला एक कारण कहा जाता है। इससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और रेस्पिरेटरी इंफेक्शन हो सकते हैं। स्किन प्रॉब्लम्स में फैब्रिक सॉफ्टनर के इस्तेमाल से एक्जिमा भी हो सकता है। महिलाओं में हार्मोनल चेंजेस भी इस प्रोडक्ट से हो सकते हैं।
कैसे पाए राहत?
- इसे आप सभी कपड़ों में यूज करने से बचें।
- कपड़ों को इसमें डूबोने से पहले वेंटिलेशन का ख्याल रखें, आप बालकनी या छत पर इस काम को कर सकते हैं।
- इसमें डूबोए कपड़ों को धूप में जरूर सुखाएं।
- कपड़ों को सॉफ्ट करने के लिए बेकिंग सोड़ा भी यूज किया जा सकता है।
- फ्रेगरेंस फ्री फैब्रिक सॉफ्टनर का यूज करें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।