Malaria Vaccine: मलेरिया का रोग एक परजीवी रोग है, जो सामान्य वायरसों से नहीं फैलता है। यह बीमारी संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है। मलेरिया के मच्छर के पांच हजार जीन्स पाए जाते हैं, यानी यह काफी घातक बीमारी हो सकती है। हालांकि, मलेरिया का मुख्य कारण मादा एनोफिलीज मच्छर का काटना होता है, जो इन्फेक्टेड व्यक्ति के खून से परजीवी को लेता है और फिर स्वस्थ व्यक्ति के शरीर को संक्रमित करता है। मलेरिया से बचाव के लिए वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है। एक नई रिसर्च में ऐसा खुलासा हुआ है, जो आपको अचंभित कर देगा। दरअसल, इस रिसर्च के मुताबिक मलेरिया की नई वैक्सीन आपको मच्छर के डंक से लगेगी। आइए जानते हैं इस बारे में सबकुछ।
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क्या है यह नई वैक्सीन?
मलेरिया मच्छर के काटने से होता है। वैज्ञानिकों की यह नई रिसर्च इस बात की पुष्टि करती है कि मच्छरों वाला यह रोग मच्छर ही ठीक कर सकता है। दरअसल, इसमें एक वैक्सीन का निर्माण किया गया है, जो मच्छरों में डाली जाएगी। वैक्सीन वाला मच्छर आपको काटेगा और फिर आपको उस मच्छर के काटने के बाद मलेरिया नहीं होगा।
कहां हुई है इस वैक्सीन की रिसर्च?
इस वैक्सीन को सेकेंड जेनरेशन वैक्सीन कहा जा रहा है, जिसकी मदद से इलाज करना काफी आसान हो जाएगा। वहीं, पुराने जेनरेशन के वैक्सीन की मदद से भी मलेरिया से सुरक्षा कुछ हद तक मिलती है। यह रिसर्च नीदरलैंड्स की रैडबाउंड यूनिवर्सिटी और लीडन यूनिवर्सिटी के साइंटिस्टों द्वारा की गई थी। इस वैक्सीन को GA2 वर्जन पैरासाइट का नाम दिया गया है, जिससे इम्यूनिटी भी स्ट्रॉन्ग होने का दावा किया जा रहा है। इस वैक्सीन की टेस्टिंग भी की गई है, जिनमें 9 लोगों को शामिल किया गया था, जिसमें 8 लोगों को मलेरिया मुक्त पाया गया है।
वैक्सीन की खासियत
इस वैक्सीन की खासियत यही है कि इसे इंसानों को नहीं बल्कि मच्छरों को लगाया जा सकता है, जिससे मच्छर ही मलेरिया मुक्त हो सकते हैं।
मलेरिया के शुरुआती संकेत
- तेज बुखार आना।
- ठंड लगना।
- सिर में दर्द।
- पीठ में दर्द होना।
- पसीना आना, उल्टी आना और स्किन और आंखों का पीला होना।
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