Kidney Disease and healthy diet: किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को इसके बिगड़ने का डर रहता है। हालांकि, क्रोनिक किडनी डिजीज शुरुआती स्टेज में अच्छी तरह से मैनेज कर सकते हैं। किडनी की देखभाल और सही डाइट खाने से आपको दिल से जुड़ी समस्याओं, हड्डियों की बीमारी और एनीमिया जैसी अन्य सेहत से जुड़ी परेशानियों से बचने में भी मदद मिल सकती है। जब बीमारी को सही करने की बात आती है, तो रोजाना एक्सरसाइज और समय पर दवा के अलावा डाइट में बदलाव सबसे अच्छा काम करता है।
किडनी की बीमारी बिगड़ती लाइफस्टाइल, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों की वजह से हो सकती है। अगर लक्षणों की बात की जाए, तो वोमिटिंग, भूख न लगना, थकान, मेंटल एक्यूट में कमी और कई अन्य लक्षण शामिल हैं। किडनी की बीमारी का अर्ली स्टेज में निदान करना मुश्किल है, लेकिन एडवांस स्टेज में शरीर में लिक्विड पदार्थ, इलेक्ट्रोलाइट्स और वेस्ट का लेवल बढ़ जाता है।
थायराइड और किडनी की बीमारियों को मैनेज करने में लोगों को डाइट पर सावधानी बरतनी जरूरी है। ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने के लिए फल और सब्जियां, मछली, अंडे, कम मात्रा में फैट, नमक और चीनी का सेवन करना चाहिए। घर पर बने खाने को खाना सबसे ज्यादा हेल्दी होता है। डिब्बाबंद फूड प्रोडक्ट में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए ऐसी खाने की चीजों से परहेज करें।
किडनी के लिए हेल्दी डाइट
हल्दी (Turmeric)
हल्दी अपने एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जानी जाती है और ये थायराइड और किडनी दोनों में मदद कर सकती है। इसमें मौजूद करक्यूमिन होता है, इसमें एंटीऑक्सीडेंट का असर होता है और किडनी की बीमारी से जुड़ी सूजन को कम करने में हेल्प मिलती है।
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दही (Curd)
भारतीय व्यंजनों में दही आयोडीन का एक अच्छा सोर्स है, जो थायराइड के लिए जरूरी है। किडनी को फ्रेंडली डाइट बनाए रखने के लिए कम फैट वाली दही का ऑप्शन चुनें, क्योंकि इसमें फास्फोरस बहुत कम होता है।
पत्तेदार साग (Green vegetables)
हरे पत्तेदार साग विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो थायराइड और किडनी के लिए एक कंप्लीट डाइट होती है। जिनमें पोटेशियम कम होता है, जो उन्हें किडनी के लिए फ्रेंडली बनाता है और हाई फाइबर पाचन के स्वास्थ्य में सुधार करती है।
मूंग दाल (Moong dal)
प्रोटीन का एक रिच सोर्स मूंग में पोटेशियम और फास्फोरस की मात्रा कम होती है, जो उन्हें किडनी से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों के लिए बेहतर बनाती है।
बाजरा (Millets)
ये ट्रेडिशनल अनाज कुछ अन्य अनाजों के मुकाबले में पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और फास्फोरस में कम होते हैं। बाजरा को रोटी के रूप में डाइट में शामिल किया जा सकता है या अलग-अलग रेसिपी में शामिल कर सकते हैं।
Disclaimer: इसमें दी गई जानकारी पाठक खुद पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर कर लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।