Creatinine Levels And Healthy Kidneys: किडनी हमारे शरीर के कामों को करने के लिए अहम भूमिका निभाते हैं। किडनी की हेल्थ के लिए सबसे महत्वपूर्ण है क्रिएटिनिन,जो मांसपेशियों के मेटाबॉलिज्म का एक बाई प्रोडक्ट है। जब क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ता है, तो यह किडनी के स्वास्थ्य में परेशानी का संकेत देता है। जबकि क्रिएटिनिन लेवल को कंट्रोल में रखने के कई तरीके हैं। आइए क्रिएटिनिन लेवल के लिए बेस्ट फूड प्रोडक्ट पर एक नजर डालते हैं, जो इसे बनाए रखने में हेल्प करेंगे।
क्रिएटिनिन लेवल क्या हैं?
आसान शब्दों में कहें तो क्रिएटिनिन एक वेस्ट प्रोडक्ट है। जो तब बनता है जब मांसपेशियां क्रिएटिन नामक केमिकल को तोड़ती है। यह एक महत्वपूर्ण मॉलिक्यूल है, जो मांसपेशियों के सिकुड़ने के लिए ऊर्जा पैदा करने में मदद करता है। एक बार जब क्रिएटिन का उपयोग किया जाता है, तो यह क्रिएटिनिन में बदल जाता है और पेशाब में छोड़ने के लिए किडनी में ले जाया जाता है। खून में क्रिएटिनिन का लेवल किडनी के काम का एक महत्वपूर्ण संकेत है। किडनी वेस्ट प्रोडक्ट्स को फ़िल्टर करने और उन्हें यूरिन के जरिए बाहर निकालने के लिए होते हैं। अगर किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है, तो खून में क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ सकता है।
क्रिएटिनिन लेवल के लिए फूड प्रोडक्ट की क्या भूमिका है?
बढ़ा हुआ क्रिएटिनिन लेवल खराब किडनी कार्य का संकेत दे सकता है,जो किडनी के अनुसार ही आहार लेने के जोर देता है। प्रोटीन का सेवन, खासकर पशु प्रोटीन का सेवन, क्रिएटिनिन के लेवल को प्रभावित करता है। यही कारण है कि किडनी के मरीजों को यह सलाह दी जाती है कि उनके आहार में प्रतिदिन 0.6 GRAM/KILOGRAM प्रोटीन का सेवन होना चाहिए। जहां वेज और नॉन वेज प्रोटीन का RATIO 1:1 होना चाहिए। अगर किसी को नॉनवेज प्रोटीन की तुलना करनी है, तो किडनी के मरीजों को रेड मीट से परहेज करना चाहिए।
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क्रिएटिनिन के लेवल को बनाए रखने के लिए हेल्दी डाइट लें
प्रोटीन का लेवल कम करें
प्रोटीन मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, अधिक मात्रा से क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ सकता है। हाई-प्रोटीन आहार खाने से किडनी पर प्रेशऱ पड़ सकता है, इसलिए प्रोटीन का सेवन करते समय कंट्रोल में रखना चाहिए। मछली, पोल्ट्री और प्लांट बेस्ड प्रोटीन जैसे सोर्स का चुनाव करने से संतुलन बनाने में मदद मिल सकती है। मांसाहारी प्रोटीन को सप्ताह में एक बार तक सीमित रखें। कोई भी वेज प्रोटीन जैसे दाल/दूध और दूध से बने प्रोडक्ट और अंडे पर विचार कर सकता है, जिन्हें प्रोसेस करना आसान होता है।
क्रिएटिन सप्लीमेंट से बचें
क्रिएटिन का प्रोडक्शन लिवर द्वारा किया जाता है और इसे मांसपेशियों तक पहुंचाया जाता है। जहां यह एनर्जी और मांसपेशियों की ग्रोथ को बढ़ाता है। क्रिएटिन टूटकर क्रिएटिनिन बन जाता है। बढ़े हुए क्रिएटिनिन लेवल वाले लोगों को इससे बचना चाहिए।
अधिक पानी पिएं
भरपूर पानी नहीं पीने से किडनी में क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ सकता है। पानी न पीने से क्रिएटिनिन का लेवल प्रभावित हो सकता है। इसलिए, किडनी के काम या किडनी की बीमारी के प्रकार के आधार पर रोगी के लिक्विड पदार्थ के सेवन पर भी रोक लगा देते हैं।
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नमक का सेवन कम करें
अधिक नमक वाले फूड प्रोडक्ट हाई बीपी का कारण बन सकते हैं,जिससे किडनी को और ज्यादा नुकसान होता है। Journal of Nephrology में प्रकाशित एक स्टडी में पाया गया कि ज्यादा नमक का सेवन आपकी किडनी की कार्यप्रणाली पर असर डाल सकता है, जिससे कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। केचप, पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट, अचार, पापड़ आदि में सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और इनसे दूरी बनानी चाहिए। भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए नींबू, इमली, कोकम, टमाटर, पुदीना, जड़ी-बूटियां आदि जैसे अन्य फूड प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
हाई फाइबर का सेवन
हाई फाइबर आहार खाने से क्रिएटिनिन लेवल को मैनेज करने और किडनी की बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। European Journal of Clinical Nutrition में प्रकाशित एक स्टडी में पाया गया कि आहार फाइबर बढ़ाने से किडनी की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है। हाई फाइबर वाले फूड प्रोडक्ट्स में साबुत अनाज, सब्जियां, फल और फलियां शामिल हैं। इनमें पोटेशियम या फास्फोरस का लेवल ज्यादा हो सकता है।
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