---विज्ञापन---

क्या आप डरपोक हो! यदि डरोगे, तो हो जाओगे एक गंभीर बीमारी का शिकार

डॉ. आशीष कुमार। Health Update: भोजन और आवेग संवेदनाओं का आपस में गहरा संबंध है। व्यक्ति की संवेगात्मक प्रतिक्रिया के अनुसार खानपान भी प्रभावित होता है। यह समझना आसान है कि यदि व्यक्ति की खुराक प्रभावित हुई, तो इसके सीधे प्रभाव व्यक्ति के शरीर पर भी पड़ेंगे या तो व्यक्ति मोटा हो जाएगा या पतला […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Jul 13, 2023 15:44
Share :
Health News

डॉ. आशीष कुमार। Health Update: भोजन और आवेग संवेदनाओं का आपस में गहरा संबंध है। व्यक्ति की संवेगात्मक प्रतिक्रिया के अनुसार खानपान भी प्रभावित होता है। यह समझना आसान है कि यदि व्यक्ति की खुराक प्रभावित हुई, तो इसके सीधे प्रभाव व्यक्ति के शरीर पर भी पड़ेंगे या तो व्यक्ति मोटा हो जाएगा या पतला हो जाएगा। खुराक के शरीर की जरूरत से कम होने पर व्यक्ति पतला हो जाएगा और अधिक होने पर मोटा। स्वास्थ्य तभी ठीक रह सकता है जब व्यक्ति का आवेगों पर भी नियंत्रण हो।

शरीर विज्ञानी एमएस गजेनिया अपनी पुस्तक ‘पैटर्न ऑफ इमोशन्स’ में लिखते हैं कि हमारे शरीर का पूरा तंत्र इमोशन्स यानी आवेगों द्वारा संचालित और नियंत्रित होता है। यदि व्यक्ति को अपने इमोशन्स को नियंत्रित और उनका सद्उपयोग करना आता है, तो वह अधिक स्वस्थ्यता के साथ जीवन जी सकता है, लेकिन इसके विपरीत यदि व्यक्ति का आवेगों पर नियंत्रण नहीं है, उसे भावनाओं की समझ नहीं है, तो उसके नकारात्मक प्रभाव उसके जीवन और स्वास्थ्य पर भी पड़ेंगे। भावनाओं के उतार-चढ़ाव का प्रभाव व्यक्ति के प्रत्यक्ष आचार-व्यवहार पर भी दिखाई देता है।

---विज्ञापन---

दरअसल, भूख आंतरिक हलचल की परिणति है। भावनाओं में परिर्वतन का सीधा प्रभाव भूख पर पड़ता है। एमएस गजेनिया ने शोध के जरिए पता लगाया कि प्रसन्नता और तनाव की स्थिति में व्यक्ति की खुराक बढ़ जाती है, वहीं उदासी और निराशा की स्थिति में भोजन की मात्रा कम हो जाती है।

तनाव या प्रसन्नता की स्थिति में व्यक्ति अधिक क्यों खाता है?

यह स्पष्ट तथ्य है कि अधिक मात्रा और अधिक कैलोरीयुक्त भोजन करने से मोटापा बढ़ेगा। लेकिन सवाल यह है कि तनाव या प्रसन्नता की स्थिति में व्यक्ति अधिक आहार का सेवन क्यों करता है। इस मामले में शरीर विज्ञानियों का मानना है कि इस व्यवहार के लिए इसे इच्छा कहने की बजाए शारीरिक क्रिया या आवेगों की प्रतिक्रिया कहा जाना ज्यादा उचित है।

---विज्ञापन---

तनाव में राहत महसूस होती है

शोधकर्ताओं के मुताबिक, यदि व्यक्ति तनाव में होता है, तो शरीर की आंतरिक प्रणालियां उस तनाव को कम करने के अपने तरीके अपनाती हैं और ऐसे रसों का स्राव करने लगती हैं, जो तनाव को कम कर सकें। लेकिन इस क्रम में भूख को बढ़ाने वाले रस-रसायन भी स्रावित होने लगते हैं। इन आंतरिक स्रावित रसायनों से तनाव कम होने लगता है। यही कारण है कि भोजन करने के दौरान व्यक्ति तनाव में राहत महसूस करता है। हालांकि तनाव से यह राहत अस्थायी होती है। लेकिन जब तक रहती है व्यक्ति स्वयं को सुखद स्थिति में पाता है।

डिप्रेशन या उदासी में वजन कम होता है

इसके विपरीत जब व्यक्ति डिप्रेशन या गहरी उदासी में होता है, तो इन स्रावों में व्यतिक्रम पैदा हो जाता है और व्यक्ति की भूख कम हो जाती है। उसको आहार लेने की इच्छा नहीं होती है। शरीर सुस्ती में जाना चाहता है। इसका परिणाम होता है कि व्यक्ति के वजन में कमी आने लगती है।

डर… डाइट में हो जाती है वृद्धि

इसी प्रकार यदि किसी व्यक्ति को डर के कारण भावनात्मक आधात पहुंचता है, तो उसके पूरे आंतरिक तंत्र में व्यतिक्रम पैदा हो जाता है। यह व्यतिक्रम तनाव को बढ़ाने का काम करता है। शिकागो मेडिकल कॉलेज के वैज्ञानिकों ने इस तथ्य को शोध से स्थापित करने का प्रयास किया है। व्यक्तियों के एक समूह को डरावनी फिल्में दिखायी गईं और उनके खानपान पैटर्न को नोट किया गया। इसमें पाया गया कि हॉरर मूवी देखने वाले लोगों में तनाव में वृद्धि देखी गई, जिसके कारण उनकी डाइट में भी वृद्धि देखी गई, जिसके कारण उनके वजन में वृद्धि नोट की गई।

वैसे तो चरबी बढ़ने या वजन बढ़ने के कई कारण हैं, लेकिन तनाव, भय आदि भी प्रमुख कारण हैं, जिनके कारण व्यक्तिओं के डाइट पैटर्न में बदलाव आता है और मोटापा के शिकार हो जाते हैं। विशेषकर बच्चों को हॉरर मूवी दिखाने से बचना चाहिए। उन्हें तनाव देने वाले माहौल से दूर रखा जाना चाहिए ताकि इमोशन्स के उतार-चढ़ाव उनके डाइट पैटर्न को न बदल दें।

HISTORY

Written By

News24 हिंदी

First published on: Jul 13, 2023 03:44 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें