How to Diagnose Diabetes During Pregnancy?: मां बनना दुनिया की हर महिला के लिए एक सुखद एहसास होता है। कहा जाता है कि मां बने बिना कोई भी औरत पूरी नहीं होती है, लेकिन मां बनने का यह एहसास काफी दर्दनाक भी होता है, वो भी तब जब आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहीं हो। हाल ही में नेचर कम्युनिकेशंस मेडिसिन की तरफ से एक स्टडी रिपोर्ट पब्लिश की गई है, जिसमें गर्भावस्था के दौरान होने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया गया है। इस स्टडी में प्रग्नेंसी के दौरान डायबिटिज डायग्नोस पर भी बात की गई हैं।
GDM पर नई स्टडी रिपोर्ट
हालांकि, जब भी जेनेटिक डायबिटीज मिलेट्स GDM पर कोई स्टडी रिपोर्ट सामने आती है तो उसके रिजल्ट ज्यादातर अच्छे नहीं होते हैं। इस स्टडी रिपोर्ट में GDM से जुड़े रिस्क का बेहतर तरीके से आकलन किया गया है। इसमें इंसुलिन प्रोफाइल और ट्राइग्लिसराइड लेवल जैसे नॉन-ग्लाइसेमिक मार्करों की खोज की गई है, इसके साथ ही कुछ सुझाव दिए गए हैं।
यह भी पढ़ें: Mental Health के लिए बेहद जरूरी है ‘नींद’, स्टडी में हुआ खुलासा
क्या कहते हैं शोधकर्ता
रटगर्स स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के असिस्टेंट प्रोफेसर एलेन सी. फ्रांसिस ने रिपोर्ट में बताया है कि हाल ही में क्लिनिकल ,बायोकेमिकल और सोसिओ-कल्चर फेक्टर्स जैसे मार्करों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसकी मदद से सबसे बड़े रिस्क वाले लोगों की पहचान की जा सकती है। स्टडी के लीड राइटर ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान GDM वाले मौजूदा तरीकों के साथ बायोकेमिकल और सोसिओ-कल्चर फेक्टर्स का इस्तेमाल करके डायबिटिज डाइगनॉस कर सकते हैं।
सटीक बायोमार्कर की जांच और खोज
इस स्टडी के शोधकर्ता ने बताया कि जीडीएम और इसके रिजल्ट में भिन्नता को समझने के लिए एक सटीक बायोमार्कर की जांच और खोज की जा रही है।