अगर कोई हाइपरटेंशन का मरीज है, तो दवाओं का सेवन करता ही होगा। युवा इस बीमारी के शिकार ज्यादा हो रहे हैं, जो कि उनकी सेहत के लिए सही नहीं है। ऐसी बीमारियां युवाओं में होने लगें तो आगे चलकर उन्हें हार्ट की बीमारियों का रिस्क बढ़ सकता है। युवा बीपी कंट्रोल करने के लिए दवा भी खाते हैं, इन लोगों को दवा का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए क्योंकि दवाओं का साइड-इफेक्ट इन्हें भी परेशान कर सकता है। आइए जानतें हैं डॉक्टर पीयूष बिश्नोई से बीपी और उनकी दवाओं के बारे में।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
डॉक्टर शारदा आयुर्वेदा के डॉक्टर पीयूष बिश्नोई बताते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीज, जो युवा हैं, उनमें इसे कंट्रोल करने के लिए दवाओं का सेवन करना भी कॉमन हो गया है। ऐसे में उन्हें यह बात समझनी चाहिए कि ये दवाएं उनकी सेहत के लिए कितनी हानिकारक हैं। आयुर्वेद में इसे कंट्रोल करने के लिए दवाओं की बजाए अन्य तरीकों को अपनाने की सलाह दी है।
ये भी पढ़ें-Acidity के मरीजों को भी हो सकता है कैंसर! एक्सपर्ट का दावा कितना सही?
युवाओं के लिए जोखिम क्यों?
डॉक्टर बताते हैं कि जो युवा इन दवाओं का ज्यादा सेवन करते हैं, उन्हें हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या रहती है। कई बार इन दवाओं की मदद से रक्तचाप में बहुत अधिक गिरावट भी हो जाती है, जिससे सिरदर्द, थकान और कमजोरी हो जाती है। डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसी प्रॉब्लम्स भी बीपी की दवाओं का एक साइड-इफेक्ट है। इसके अलावा डॉक्टर बताते हैं कि युवाओं में इन दवाओं से हार्ट और किडनी की बीमारियों के होने का रिस्क भी बढ़ जाता है। बीपी की दवाओं से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की भी शिकायत रहती है।
View this post on Instagram
क्या करें?
अगर किसी युवा को हाई ब्लड प्रेशर है, तो सबसे जरूरी है कि वह डॉक्टर से परामर्श लें। डॉक्टर ही उन्हें दवा खाने या न खाने की सलाह दे सकते हैं। सही लाइफस्टाइल को फॉलो करें। नियमित रूप से व्यायाम करें, तनाव कम करें और धूम्रपान या शराब से दूरी बनाएं। खुद से कोई भी दवा लेना शुरू न करें और अगर कोई दवा खाते हैं, तो उसे छोड़ने से पहले भी डॉक्टर की सलाह लें।
ये भी पढ़ें- खराब ओरल हाइजीन का न्यूरो सिस्टम पर क्या असर पड़ता है?
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।