GBS Symptoms: गुलियन बैरे सिंड्रोम एक नया वायरस है जिसके मामले महाराष्ट्र के पुणे में तेजी से बढ़ रहे हैं। इस समय महाराष्ट्र में जीबीएस मरीजों की संख्या बढ़कर 166 हो गई है। मंगलवार को इसके 3 नए मरीज मिले हैं। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो अब तक यहां 130 मरीजों में जीबीएस रोग की पुष्टि हुई है जबकि अन्य मरीजों में बीमारी के लक्षणों को देखा गया है। इस सिंड्रोम के पश्चिम बंगाल में भी केस मिल चुके हैं, मगर महाराष्ट्र में यह वायरस काफी एक्टिव है। अब तक यहां 5 मरीजों की मौत की खबर सामने आई है। आइए आपको इस बीमारी के मरीजों के मिले लक्षणों के बारे में बताते हैं।
महाराष्ट्र में एक्टिव केस
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पुणे शहर और ग्रामीण इलाकों में 139 मरीज मिले हैं, पिंपरी चिंचवड महानगरपालिका में 19 और ग्रामीण क्षेत्रों 8 रोगी मिले हैं। अब तक कुल केस 166 हैं, जिनमें 130 GBS से संक्रमित हैं और अन्य मरीजों में सिर्फ लक्षणों की पुष्टि हुई है। इसके संकेत सामान्य फ्लू जैसे ही हैं, जो समझने में आसान है।
GBS क्या है?
यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जो कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को तुरंत अपने घेरे में ले लेती है। इसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता लगातार कम होने लगती है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर हमला करती है जिससे नर्वस के कोशिकाओं को नुकसान होने लगता है। हम आपको इस रोग के कुछ संकेतों के बारे में बता रहे हैं, जो महाराष्ट्र के मरीजों में देखे गए हैं।
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GBS के शुरुआती संकेत
1. मांसपेशियों में कमजोरी- GBS के शुरुआती लक्षणों में मांसपेशियों में कमजोरी होना शामिल है, जो पैरों से शुरू होकर हाथों और अन्य अंगों में भी महसूस होती है।
2. सांस लेने में कठिनाई- इस सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों को सांस लेने में समस्या हो सकती है, क्योंकि यह रोग शरीर के रेस्पिरेटरी सिस्टम पर भी इफेक्ट करता है।
3. सूंघने और स्वाद में कमी- कुछ मरीजों में जीबीएस होने पर खाने का स्वाद और सूंघने की क्षमता कम हो जाती है।
4. पैरालिसिस- कई बार मरीजों को इस वायरस से संक्रमित होने पर मांसपेशियों में कमजोरी के साथ-साथ शरीर के किसी अंग में लकवा होने की भी समस्या हो जाती है।
5. दर्द और जलन- जीबीएस से प्रभावित होने पर शरीर में दर्द, कुछ अंगों में झनझनाहट और जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
6. बुखार और थकान- मरीजों को बुखार और अत्यधिक थकान महसूस हो सकती है, जिससे उनकी सामान्य गतिविधियों को करने में दिक्कतें महसूस होती हैं।
7. दिल की धड़कनों में तेजी होना- जीबीएस संक्रमण में लोगों को हाई बीपी की समस्या भी महसूस होती है और इसमें दिल की धड़कनों में भी तेजी देखी जाती है।
बचाव के उपाय
- साफ-सफाई का ख्याल रखें।
- दुषित भोजन और पानी पीने से बचें।
- संक्रमित मरीजों और इलाकों से दूरी बनाएं।
- बाहर की चीजों को खाने से बचें।
- बाहर पीने के लिए घर से ही स्वच्छ पानी ले जाएं।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।