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Covid Alert: ढाई साल बाद ओडिशा में मिला कोविड का मामला, जानें पहले से कितना गया है कोरोना का JN.1 वेरिएंट

Covid Alert: महाराष्ट्र के बाद ओडिशा में मिला कोरोना का मामला। करीब ढाई साल बाद प्रदेश में कोई नया एक्टिव कोविड पॉजिटिव की पुष्टि हुई है। आइए जानते हैं कोरोना का यह नया वेरिएंट पहले से कितना बदल गया है?

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: May 22, 2025 14:53

Covid Alert: भारत में एक बार फिर कोविड-19 के केसों में इजाफा देखा जा रहा है। इस बढ़ोतरी के पीछे कोरोना के JN.1 नामक नया ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट प्रमुख रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है। 21 मई को आई रिपोर्ट में महाराष्ट्र में कोरोना के 53 एक्टिव केस की पुष्टि हुई थी। अब ओडिशा में भी इसका एक मामला मिला है। बता दें कि राज्य में करीब ढाई साल बाद कोविड-19 का मामला मिला है। कोरोना का यह नया वेरिएंट असल में नया नहीं है।

यह भारत में साल 2023 के अगस्त में ही सामने आ गया था। यह वेरिएंट दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा “Variant of Interest” घोषित किया गया था। अब तक JN.1 वेरिएंट 40 से ज्यादा देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है और भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। आइए जानते हैं इस वेरिएंट के बारे में सबकुछ।

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साल 2023 में आया था पहली बार

JN.1 वेरिएंट पहली बार अगस्त 2023 में पहचाना गया था। यह ओमिक्रॉन के BA.2.86 (जिसे Pirola कहा जाता है) वेरिएंट से विकसित हुआ एक सब-वेरिएंट है। इसके बाद यह तेजी से कई देशों में फैलने लगा। इस वेरिएंट की खास बात यह है कि यह तेजी से फैलने और पहले से बनी इम्युनिटी को चकमा देने की क्षमता रखता है, हालांकि यह ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं फैला रहा है।

ये भी पढ़ें- Covid Alert: यूपी में बढ़ी निगरानी, एडवाइजरी जारी, नया वेरिएंट है ज्यादा खतरनाक

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JN.1 वेरिएंट क्या है?

आकाश हेल्थकेयर के इंटरनल मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट एवं एचओडी डॉ. राकेश पंडित बताते हैं कि JN.1, ओमिक्रॉन के BA.2.86 यानी ‘पाइरोला’ वेरिएंट से विकसित एक उप-प्रकार है। इसमें ऐसे म्यूटेशन हुए हैं, जो इसे और ज्यादा तेजी से फैलने और पहले से बनी इम्युनिटी को कमजोर कर सकते हैं। हालांकि यह वेरिएंट अब तक गंभीर बीमारी नहीं फैला रहा है, लेकिन इसकी तेजी से फैलने की प्रवृत्ति विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

Covid XEC

लक्षणों में क्या खास है?

JN.1 वेरिएंट के लक्षण सामान्य ओमिक्रॉन संक्रमण जैसे ही हैं, लेकिन कुछ मामलों में थोड़े बदलाव भी देखे गए हैं:

  • बुखार या ठंड लगना।
  • खांसी, गले में खराश।
  • नाक का बहना या बंद होना।
  • थकावट, शरीर में दर्द।
  • सिरदर्द।
  • स्वाद और गंध की कमी (अब कम सामान्य)।
  • कुछ मामलों में मितली या दस्त जैसी पेट संबंधी दिक्कतें।
  • टीकाकरण करा चुके लोगों में लक्षण आमतौर पर हल्के रहते हैं, लेकिन बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

तेजी से फैलने की वजहें

  • इम्युनिटी से बच निकलने की क्षमता- JN.1 वेरिएंट पहले की वैक्सीन या संक्रमण से बनी एंटीबॉडी को चकमा देने में सक्षम है।
  • संक्रमण ज्यादा होना- यह दूसरों की तुलना में अधिक संक्रामक है।
  • मौसम और भीड़- बदलता मौसम और बंद वातावरण में भीड़ इसकी ट्रांसमिशन को बढ़ावा दे रही है।

बचाव के आसान उपाय

  • संक्रमण भले ही हल्का हो, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है, खासकर हाई-रिस्क में आने वाले लोगों के लिए:
  • सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
  • लक्षण दिखें तो दूसरों से दूरी बनाएं।
  • वैक्सीन और बूस्टर डोज समय पर लगवाएं।
  • हाथों की सफाई का ख्याल रखें।
  • संक्रमण की पुष्टि होने पर आइसोलेट हो जाएं।
  • उम्रदराज और बीमार व्यक्तियों को लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए।

जरूरी सलाह

JN.1 वेरिएंट फिलहाल ज्यादा घातक नहीं है, लेकिन इसका तेजी से फैलाव स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव डाल सकता है। राहत की बात यह है कि टीकाकरण अभी भी गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचाव में प्रभावी है।

ये भी पढ़ें- Covid Alert: क्या दोबारा लेना पड़ सकता है बूस्टर डोज? चीन-सिंगापुर के बाद भारत में भी एक्टिव कोरोना

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

First published on: May 22, 2025 02:53 PM

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