Covaxin Side Effects: कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन की वैक्सीन लगवाई थी। इससे पहले एस्ट्रेजेनेका ने माना था कि उसकी वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं, लेकिन अब कोवैक्सीन को लेकर भी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
कोविशील्ड बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पिछले दिनों ही कोर्ट में माना था कि उसकी वैक्सीन से कई लोगों में गंभीर बीमारी हो सकती है। वहीं, दूसरी साइड कोवैक्सीन की बात करें तो अब इसके भी साइड इफेक्ट सामने आ रहे हैं।
लड़कियों पर सबसे ज्यादा असर
एक रिपोर्ट के अनुसार, काफी लोगों में एक साल बाद इसके साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं। इतना ही नहीं इसका सबसे ज्यादा असर टीन एज गर्ल पर हो रहा है, जिसमें कुछ साइड इफेक्ट बेहद गंभीर थे। इन वैक्सीन को लेकर एक ‘ऑब्जर्वेशनल स्टडी’ की गई थी जिसमें वैक्सीन लगवाने वाले एक तिहाई लोगों में ‘एडवर्स इवेंट्स ऑफ स्पेशल इंट्रेस्ट’ (Adverse Events of Special Interest) पाया गया।
यह स्टडी रिपोर्ट स्प्रिंगर लिंक जर्नल में प्रकाशित हुई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, ये स्टडी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की संखा शुभ्रा चक्रवर्ती और उनकी टीम ने की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन लगवाने वाले ज्यादातर लोगों में एक साल तक साइड इफेक्ट देखा गया। हालांकि, इस स्टडी में 1024 लोगों को शामिल किया गया। इन सभी लोगो से फॉलोअफ चेकअप के लिए कांटेक्ट किया गया था।
Finally our long term safety data of BBV152 vaccine is onlinehttps://t.co/7JtLXMl96o
— Dr Sankha Shubhra Chakrabarti (@sankha_shubhra) May 14, 2024
युवा लोगों में दिखी नॉर्मल प्रॉब्लम
स्टडी में 304 किशोरों यानी करीब 48% में ‘वायरल अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन्स’ देखा गया। इसके अलावा 10.5 % किशोरों में ‘न्यू-ऑनसेट स्किन एंड सबकटेनियस डिसऑर्डर’, 10.2 जनरल डिसऑर्डर यानी आम परेशानी, 4.7 फीसदी में नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर यानी नसों से जुड़ी समस्या देखी गई। इसी तरह 8.9% युवा लोगों में कॉमन प्रॉब्लम, 5.8% में मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर (Musculoskeletal Disorders ) यानी मसल्स, नसों, जोड़ों से जुड़ी समस्या और 5.5 में नर्वस सिस्टम से जुड़ी दिक्कत देखी गई। रिपोर्ट के अनुसार, को वैक्सीन का साइड इफेक्ट युवा लड़कियों में भी देखा गया। 4.6% महिलाओं में पीरियड से जुड़ी समस्या सामने आई है। 2.7 % में आंख से जुड़ी परेशानी देखी गई है। 0.6 % में हाइपोथाइरॉएडिज्म पाया गया।
इसके अलावा गंभीर साइड इफेक्ट की बात करें तो करीब 1% लोगों में ये पाया गया है। वहीं, 300 में से एक में स्ट्रोक की परेशानी और 100 में से एक में गुईलैइन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome ) देखी गई है। इस स्टडी से भी पता चला है कि इस वैक्सीन को लगाने की वजह युवा-किशोर महिलाओं में थायराइड जैसी बीमारी का असर काफी देखने को मिला है।
इसके साथ ही कई टीनएज में थायराइड का लेवल भी कई गुना बढ़ गया। टेंशन वाली बात ये थी कि इस वैक्सीन को लगवाने के 1 साल बाद इन लोगों से संपर्क किया गया तो इनमें से ज्यादातर लोगों में ये बीमारियां मौजूद थीं। इसमें यह भी कहा गया है कि को वैक्सीन के साइड इफेक्ट का पैटर्न कोरोना की अन्य वैक्सीन के साइड इफेक्ट के पैटर्न से अलग हैं।
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