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शॉकिंग! बच्चों में क्यों बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले? लखनऊ की खबर ने बढ़ाई टेंशन

Child Heart Attack: इन दिनों नौजवानों की चलते फिरते ही दिल की धड़कन रुक जाने के कई केस सामने आए। हाल ही में यूपी के स्कूल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया जहां पर बच्ची की खेलते वक्त हार्ट अटैक से मौत हो गई।

Edited By : Shabnaz | Updated: Sep 15, 2024 11:42
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child heart attack

Child Heart Attack: लखनऊ के मोंटफोर्ट स्कूल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां पर कक्षा 3 की एक छात्रा की स्कूल में ही खेलते वक्त मौत हो गई। बच्ची की मौत की वजह हार्ट अटैक बताया जा रहा है। इससे पहले भी इस स्कूल में इस तरह का एक मामला सामने आया था जहां पर एक 9 साल के छात्र की मौत हो गई थी। इस तरह के मामले सामने आने के बाद बच्चों के स्वास्थ पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

बच्चों में हार्ट अटैक क्यों

बच्चों सबसे ज्यादा खेल कूद पसंद होता है। अगर ऐसे में उनको हार्ट अटैक आने लगे तो इससे माता-पिता की चिंता बढ़ सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स बच्चों में अटैक के कई कारण मानते हैं। हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण मोटापा माना गया है। शहरी कल्चर में बच्चों का घरों से बाहर खेलना कम हो गया है, जिसकी वजह से बीपी की समस्या बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।

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इसके अलावा बच्चों में जन्म से ही कई परेशानियां होती हैं, जो बाद में हार्ट फेलियर का कारण बनती है। कुछ जन्मजात रोगों के इतिहास वाले बच्चों को कोरोनरी धमनी में रुकावट के कारण दिल का दौरा पड़ने का खतरा दूसरों की तुलना में अधिक होता है।

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हार्ट अटैक के मामलों में कितनी बढ़ोतरी?

अभी तक नौजवानों में हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे थे। लेकिन बच्चों में हार्ट अटैक के केस सामने आना एक चिंता का विषय है। इसपर डॉक्टरों का मानना है कि कुछ बच्चों को जन्म से ही दिल की बीमारियां होती हैं। कई मामलों में बच्चे मां के पेट में ही कंजेनाइटल हार्ट डिजीज के शिकार हो जाते हैं। जिसकी वजह से दिल में छेद या कुछ दिल से जुड़ी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। कभी कभी इनकी जानकारी नहीं होने की वजह से बच्चों की जान को खतरा बढ़ जाता है।

2015 में अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। जिसमें भारत में लगभग 6.5 करोड़ लोगों को दिल की बीमारियों की जानकारी दी गई थी। इसमें 2.5 करोड़ लोग 40 की उम्र या उससे कम कम के थे। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पिछले 10 सालों में दिल की बीमारी से मरने वालों की तादाद 75 फीसद तक बढ़ गई है।

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Shabnaz

First published on: Sep 15, 2024 11:42 AM

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