Breast Milk Uranium Found: बिहार की हवा इतनी खराब हो गई है कि अब इसका असर बच्चों की हेल्थ पर पड़ रहा है. इस बात का खुलासा महावीर कैंसर संस्थान, पटना और एम्स नई दिल्ली की संयुक्त स्टडी में किया गया है. इस स्टडी में 6 राज्यों का सर्वे किया गया है, जिसमें राज्य के छह जिलों भोजपुर, समस्तीपुर, मुंगेर, भागलपुर, खगड़िया और नालंदा आदि शामिल हैं. इसमें स्तनपान कराने वाली 40 माताओं के दूध पर शोध की गई, जिसमें यूरेनियम पाया गया है. वैज्ञानिकों के अनुसार सबसे ज्यादा स्तर खगड़िया में और सबसे कम नालंदा में पाया गया है. हालांकि, यूरेनियम की मात्रा 0 से 5.25 माइक्रोग्राम प्रति लीटर है, जिससे बच्चों को किसी भी तरह का खतरा नहीं हुआ है, लेकिन यह चिंता का विषय है.
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स्टडी में क्या पाया गया?
AIIMS के डॉक्टर अशोक शर्मा का कहना है कि कुछ बच्चों में नॉन-कार्सिनोजेनिक रिस्क दिखा, क्योंकि यह मूत्र के जरिए निकल जाता है. स्टडी के मुताबिक, दूध में पाया गया स्तर WHO के मानकों से काफी नीचे है. WHO की सीमा 30 माइक्रोग्राम बताई है, जबकि एक स्टडी के मुताबिक 5.25 माइक्रोग्राम पाया गया है.
क्या बच्चों को नुकसान हो सकता है?
स्टडी के मुताबिक, लंबे वक्त तक यूरेनियम का उच्च स्तर बच्चों की किडनी पर असर डाल सकता है. लेकिन हाल में की गई स्टडी में इसका स्तर बहुत कम है, जिसका हेल्थ पर असर कम होगा. इसलिए आप स्तनपान कम ना करें, क्योंकि बच्चों के लिए स्तनपान ही सबसे सुरक्षित और सर्वोत्तम पोषण है.
मां के दूध में क्या पाया जाता है?
वैज्ञानिकों के अनुसार मां के दूध में एंटीबॉडी, अच्छे फैट, प्रोटीन, लैक्टोज, विटामिन, एंटीबॉडी या प्रीबायोटिक और स्वस्थ बैक्टीरिया पाए जाते हैं, मगर बिहार में हाल ही में की गई रिसर्च के मुताबिक, मां के दूध में यूरेनियम की मात्रा पाई गई है.
आगे के लिए क्या बताया?
शोधकर्ताओं का कहना है कि आगे भी ऐसी रिसर्च की जाती रहेंगी और अलग-अलग राज्यों में अध्ययन किए जाएंगे ताकि नए तत्वों का पता लगाया जा सके. शोधकर्ता पहले ही आर्सेनिक, लेड और मरकरी जैसे धातुओं पर भी काम कर चुके हैं.
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