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चंद मिनटों में हो जाएगा ब्रेन ट्यूमर का इलाज! देश में पहली बार आई इलाज की ऐसी तकनीक

Brain Tumour Treatment: जिस क्षेत्र में इस मशीन से सबसे ज्यादा फायदा होगा वो है न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट। इंट्राक्रेनियल ट्यूमर, स्कल बेस सर्जरी, एपिलेप्सी सर्जरी और ब्रेन सर्जरी समेत कैंसर से जुड़ी कई समस्याओं का निदान इसके जरिए हो पाएगा। 

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Jun 13, 2024 21:15
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Brain Health
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पल्लवी झा, नई दिल्ली

ब्रेन में ट्यूमर… इसे सुनकर ही सब डर जाते हैं क्योंकि यह एक बेहद खतरनाक बीमारी है। ऐसे में दक्षिण एशिया में पहली बार भारत के फोर्टिस मेमोरियल अस्पताल में मरीजों के लिए एक ऐसी संजीवनी लेकर आई है जिससे मरीज को बेहद कम समय में सटीक इलाज के साथ अस्पताल से 1 ही दिन में छुट्टी मिल जाएगी। इस मशीन का नाम ‘गामा नाइफ ईस्प्रिरिट’ है। यह एक ऐसी मशीन है जो बिना चीरा लगाए एक साथ कई ट्यूमर की पोजीशन को लोकेट करती है। दावा किया जा रहा है कि ये इतनी सटीक है कि दिमाग के बेहद संवेदनशील और ऐसे भागों तक पहुंच सकती है जहां तक पहुंचना आसान नहीं होता।

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फोर्टिस हेल्थकेयर ने गामा नाइफ टेक्नोलॉजी को लेकर कहा है कि ये दुनिया भर में जांची-परखी और भरोसेमंद तकनीक है। फोर्टिस मेमोरियल हॉस्पिटल के ग्रुप सीओओ अनिल विनायक के अनुसार कैंसर केयर के क्षेत्र में भी ये बेहद कारगर साबित हो सकती है। यह सभी तरीके के कैंसर को डिटेक्ट और ट्रीट करने में सफल रही है। इस एडवांस टेक्नालॉजी से न्यूरो सर्जरी के साथ साथ कैंसर के जटिल से जटिल ट्यूमर को सटीकता के साथ ठीक किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल देश के 5 सरकारी अस्पतालों में ऐसी तकनीक उपलब्ध है लेकिन वह एडवांस टेक्नालॉजी वाली नहीं है।

Gamma Knife Machine In Fortis Hospital

Gamma Knife Machine In Fortis Hospital

कितने की आती है ये मशीन?

इस पर आने वाले खर्च को लेकर फोर्टिस हेल्थकेयर ने कहा कि इस मशीन की कीमत लगभग 40 करोड़ रुपये के आस पास है। लेकिन लोगों को ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए करीब पांच लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे। यह राशि भी फिलहाल गरीब जनता के लिए बहुत ज्यादा है। लेकिन, सरकार जिस तरीके से पहल कर रही है, जल्द ही उससे न सिर्फ मेडिकल साइंस में उन्नति होगी बल्कि आम लोगों को भी फायदा मिलेगा।

इस खास मशीन के लॉन्च के मौके पर स्वीडन के राजदूत समेत भारत सरकार के अधिकारी भी मौजूद रहे। इस मशीन को बनाने वाली कंपनी स्वीडन की है। भारत और स्वीडन की पार्टनरशिप को देखते हुए राजदूत ने कहा कि इस पार्टनरशिप के जरिए सस्टेनेबल हेल्थकेयर समाधानों की उपलब्धता को लेकर दोनों पक्ष प्रयासरत रहेंगे।

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Written By

Gaurav Pandey

First published on: Jun 13, 2024 09:15 PM

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