नई दिल्ली: बिहार में महागठबंधन की सरकार फिर से बन गई है। नीतीश कुमार ने बीजेपी का दामन छोड़कर फिर से राजद और कांग्रेस के साथ सरकार का गठन कर लिया। 15 अगस्त को कैबिनट का विस्तार होने वाला है। इससे पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने जा रहे हैं।
बुधवार को नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। महागठबंधन सरकार 24 अगस्त को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करेगी। कांग्रेस ने महागठबंधन सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी को फोन किया था जब सोनिया गांधी कोविड से जूझ रही थीं। यह एक शिष्टाचार भेंट थी, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार, नीतीश कुमार ने सोनिया से कहा कि भाजपा उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार सोनिया गांधी ने उनसे राहुल गांधी से भी संपर्क करने को कहा। नीतीश कुमार ने तेजस्वी से संपर्क किया, जिन्होंने तब राहुल गांधी से सं की पूरी पटकथा लिखी गई। एनडीए गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने कथित तौर पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों से बात की और उनके समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
243 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 19 विधायक हैं और बिहार कैबिनेट में 4 पद मिलने की संभावना है। गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राजद को सबसे ज्यादा पद मिलने की संभावना है।