नई दिल्ली: बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों के रिहा किए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बिलकिस बानो के लिए न्याय की मांग की है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, बेटी बचाओ’ जैसे खोखले नारे देने वाले, बलात्कारियों को बचा रहे हैं। आज सवाल देश की महिलाओं के सम्मान और हक़ का है। बिलकिस बानो को न्याय दो।
‘बेटी बचाओ' जैसे खोखले नारे देने वाले, बलात्कारियों को बचा रहे हैं।
---विज्ञापन---आज सवाल देश की महिलाओं के सम्मान और हक़ का है।
बिलकिस बानो को न्याय दो।
---विज्ञापन---— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 25, 2022
11 दोषियों की रिहाई और उसके बाद विहिप पार्टी कार्यालय में उनके स्वागत पर भाजपा नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, “देश की महिलाओं को अभी भी संविधान से उम्मीदें हैं। संविधान भी खड़ी महिला को साहस देता है। न्याय के लिए लड़ने के लिए अंतिम पंक्ति में। बिलकिस बानो को न्याय दो।”
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि बलात्कार की सजा पा चुके 11 लोगों की रिहाई, कैमरे पर उनके स्वागत-समर्थन में बयानबाजी पर चुप्पी साधकर सरकार ने अपनी लकीर खींच दी है।
बलात्कार की सजा पा चुके 11 लोगों की रिहाई, कैमरे पर उनके स्वागत-समर्थन में बयानबाजी पर चुप्पी साधकर सरकार ने अपनी लकीर खींच दी है।
लेकिन देश की महिलाओं को संविधान से आस है। संविधान अंतिम पंक्ति में खड़ी महिला को भी न्याय के लिए संघर्ष का साहस देता है। बिल्किस बानो को न्याय दो।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 25, 2022
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बिलकिस बानो के साथ बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा पाने वाले 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने याचिकाओं पर केंद्र और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश नहीं दिया था, लेकिन केवल राज्य को “नीति के अनुसार छूट पर विचार करने” के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘सवाल यह है कि गुजरात के नियमों के तहत दोषी छूट के हकदार हैं या नहीं? सु्प्रीम कोर्ट ने इस मामले की अब दो सप्ताह बाद सुनवाई करने का फैसला लिया है।
2002 में गोधरा ट्रेन जलाने के बाद गुजरात दंगों में बिलकिस बानो के साथ बलात्कार किया गया था। उनकी 3 साल की बेटी सहित उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई। इस साल 15 अगस्त को दोषी गोधरा जेल से बाहर आ गए क्योंकि सरकार ने छूट नीति के तहत उनकी रिहाई की अनुमति दी थी।