Noida News: नोएडा की पुलिस टीम पर गाजियाबाद के मसूरी स्थित नाहल गांव में हमले के दौरान सिपाही सौरभ कुमार की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों से पता चला है कि बदमाशों द्वारा एकाएक की गई फायरिंग के चलते टीम को संभलने का मौका नहीं मिला। इस दौरान सौरभ ने भी टीम के बचाव में बदमाशों पर कई फायरिंग की थी, लेकिन वह सिर में गोली लगने से शहीद हो गए। इस घटना के बाद से नोएडा पुलिस महकमे में गम का माहौल है। वहीं इस केस में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। सूत्रों से पता चला है कि गाजियाबाद पुलिस को नोएडा पुलिस की दबिश की जानकारी नहीं थी। घटना के बाद गाजियाबाद पुलिस को जानकारी दी गई।
अचानक हुए हमले से नहीं संभल पाए पुलिसकर्मी
बताया जा रहा है कि 26 मई की रात करीब साढ़े 12 पुलिस की टीम हिसट्रीशीटर उर्फ मंटर को पकड़कर अपने साथ ले जा रही थी। इस बीच कादिर ने शोर मचाना शुरू कर दिया। नाहल गांव के अड्डे पर मौजूद आरोपियों के साथियों ने पुलिस टीम पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस टीम ने गाड़ी रोक दी और खेत की तरफ भागने लग। तभी कादिर मौका मिलते ही पुलिस की गाड़ी से उतरकर भाग गया। फिर आरोपी कादिर अपने साथियों के साथ पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी अपने बचाव में गोली चलाई, लेकिन बदमाशों की तरफ से ताबड़तोड़ करीब 20 से 25 राउंड फायरिंग की गई, जिसमें से एक गोली सिपाही सौरभ के सिर में लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गए। हालांकि पुलिस ने 24 साल के हिस्ट्रीशीटर कादिर को गिरफ्तार कर लिया।
गाजियाबाद पुलिस को नहीं थी जानकारी
दिल्ली-लखनऊ हाईवे से 5 किलोमीटर दूर नाहल गांव है। यह मुस्लिम बहुल गांव है। बदमाश कादिर इसी गांव में अड्डे के पास एक मोहल्ले का रहने वाला है। गाजियाबाद पुलिस की जांच में सामने आया है कि नोएडा पुलिस बिना उन्हें जानकारी दिए दबिश देने के लिए नाहल गांव पहुंची थी। इस घटना के बाद गाजियाबाद पुलिस को जानकारी दी गई। भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और आरोपियों को पकड़ने के लिए पूरे गांव में कांबिंग शुरू की गई।
2016 से नोएडा में तैनात थे सौरभ
सौरभ देशवाल चोरी के एक मामले में दबिश देने गाजियाबाद गए थे। शामली के बदेउ गांव के रहने वाले सौरभ 2016 में पुलिस विभाग में भर्ती हुए। पहली पोस्टिंग उनकी नोएडा ही रही। पहले एसएसपी की टीम में थे। इसके बाद कमिश्नरेट बनने के बाद उन्हें अलग-अलग थानों की स्पेशल टीम में शामिल किया गया था। सौरभ की गिनती तेजतर्रार पुलिसकर्मियों में होती थी। अपने कार्य के लिए वह कई बार सम्मानित भी हो चुके हैं।
पत्नी से कहे थे ये आखिरी शब्द
पिता उत्तम कुमार ने बताया कि सौरभ ने शामली के सेंट फ्रांसिस स्कूल से 10वीं और सिल्वर बेल्ट स्कूल से 12वीं की पढ़ाई की। इसके बाद सिल्वर मैनेजमेंट कॉलेज से बीकॉम किया। सौरभ की शादी 2019 में हुई थी। सेक्टर-122 में वह पत्नी के साथ रह रहे थे। सौरभ की मौत से पुलिस विभाग सन्न और गमजदा है। जाने से पहले उन्होंने पत्नी को कहा था कि वह रात तीन बजे तक वापस आएंगे।
कौन है कुख्यात अपराधी कादिर
डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि मसूरी सहित आरोपी वांछित अपराधी कादिर के खिलाफ 20 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें मुजफ्फरनगर में सात, मसूरी में चार, गौतमबुद्धनगर, हापुड़ और मेरठ में भी मुकदमे दर्ज हैं। डीसीपीने बताया कि वांछित कादिर नाहल का रहने वाला है। इस मामले में थाना फेस-3 गौतमबुद्धनगर के उपनिरीक्षक सचिन ने एक तहरीर दी है। थाना मसूरी में तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस आयुक्त समेत सभी पुलिसकर्मी ने की आर्थिक मदद
कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर के थाना फेस-3 में नियुक्त स्वर्गीय आरक्षी सौरभ कुमार ने 25 मई की रात में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अभियुक्त को पकड़ कर अदम्य साहस व वीरता का परिचय दिया तथा अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया। कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर के समस्त पुलिसकर्मी इस घटना से आहत है और उसे शत्-शत् नमन करते हुए अपनी शोक संवेदना प्रकट करते है। पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर द्वारा अपने वेतन से 1 लाख रुपये की धनराशि और कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में नियुक्त समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अपने वेतन से एक दिन के वेतन की अनुग्रह धनराशि आरक्षी स्वर्गीय सौरभ कुमार के परिजनों को आर्थिक सहायता स्वरूप, प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है। अभी तक करीब 75 लाख रुपये सिपाही के परिजनों को दिए गए हैं।