नई दिल्ली: जमाना तकनीक का है। आए दिन अपडेट हो रही जिंदगी जिंदगी जितनी आसान हो रही है, उतने ही इसमें खतरे भी हैं। ऐसा ही एक खतरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के साथ भी है। तकनीकी जानकारों की मानें तो AI का इस्तेमाल करने वालों को बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है। किसी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस या किसी दूसरे सार्वजनिक स्थान पर लैपटॉप पर पासवर्ड जैसी डिटेल भरते वक्त यह चोरी हो सकता है। हैकर्स अब आपकी टाइपिंग की आवाज सुनकर पता लगा रहे हैं कि आपने कौन सी की प्रेस की है।
हाल ही में 3 अगस्त को प्रकाशित एक शोध में शोधकर्ताओं की तरफ से इस बात पर जोर दिया गया है कि हैकर्स AI टूल के जरिये आपके कीस्ट्रोक्स को ‘सुन’ सकते हैं, जिसका इस्तेमाल आपका पासवर्ड चुराने के लिए किया जा सकता है। जहां तक इसकी वजह की बात है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में टाइपिंग साउंड को सुनकर दबाए जा रहे बटन को पहचानने की क्षमता है।
मिली जानकारी के अनुसार डरहम, सरे और रॉयल होलोवे विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं नेअपनी स्टडी में पाया कि AI टूल ने की-स्ट्रोक साउंड से पासवर्ड समेत टेक्स्ट को 90% से ज्यादा एक्युरेसी के साथ समझा। यह बात बड़ी चौंकाने वाली है कि माइक्रोफोन तरह-तरह के टाइपिंग पैटर्न को पहचान सकते हैं। ऐसे में अपना डाटा चोरी होने से बचाने के लिए हमें लैपटॉप का पब्लिकली यूज करने से बचना चाहिए।
एआई मॉडल को ट्रेनिंग देने वाले रिसर्चर्स ने बताया कि उन्होंने अपने अध्ययन के दौरान मैकबुक प्रो पर 36 बटन में से हर किसी को 25 बार दबाकर उससे निकलने वाली आवाज को रिकॉर्ड किया। इसके बाद उसे AI मॉडल में डाला। उन्होंने बताया कि जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर से रिकॉर्ड मैकबुक टाइपिंग साउंड का एक्युरेसी रेट 93% था। iPhone 13 mini से रिकॉर्ड डॉटा को परखा गया तो AI टूल एक्युरेसी रेट 2 और बढ़कर 95% तक पहुंच गया।