D2M Networking: कैसा हो कि अगर आपको बिना इंटरनेट खर्च किए मूवी या कंटेंट देखने को मिले? यकीनन इससे बेहतर विकल्प आपको कोई नहीं लगेगा। आजकल ज्यादातर लोग इंटरनेट का इस्तेमाल फिल्में देखने के लिए करते हैं, जिसको अब बिना इंटरनेट के D2M नेटवर्किंग के जरिए देखा जा सकता है। दरअसल, केंद्रीय दूरसंचार विभाग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और IIT कानपुर की ओर से D2M नेटवर्किंग को लेकर काम शुरू किया गया है। इस डिवाइस-टू-मेटावर्से नेटवर्किंग की काफी चर्चा हो रही है और ये विरोध के लिए भी जाना जा रहा है।
जहां D2M नेटवर्किंग काफी चर्चाओं में है। वहीं, टेलीकॉम ऑपरेटर्स, हैंडसेट मेकर्स, नेटवर्क प्रोवाइडर्स और चिप मैन्यूफेक्चरर द्वारा इसका विरोध भी किया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि डी2एम से इन कंपनियों के लिए कठिनाइयां खड़ी हो सकती है।
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D2M नेटवर्किंग कैसे करेगा अन्य कंपनियों को प्रभावित
टेलीकॉम ऑपरेटर्स, हैंडसेट मेकर्स, नेटवर्क प्रोवाइडर्स और चिप मैन्यूफेक्चरर ये सभी कंपनियां D2M नेटवर्किंग का विरोध कर रहे हैं। इसका कारण आने वाले समय में होने वाली समस्या का डर है। दरअसल, इन सभी कंपनियों का डेटा रेवेन्यू 80 प्रतिशत ट्रैफिक वीडियो से आता है। अगर बिना इंटरनेट के D2M नेटवर्किंग के जरिए लोग फिल्में देख पाएंगे तो इन कंपनियों का डेटा रेवेन्यू भी प्रभावित हो जाएगा।
What is D2M Networking?
डिवाइस-टू-मेटावर्से नेटवर्किंग यानी डी2एम नेटवर्किंग एक तरह का ऐसी नेटवर्किंग है जिसके जरिए मेटावर्से में डिवाइसों को एक-दूसरे से जुड़ा जा सकता है। इसके जरिए कम्यूनिकेट करने के अलावा एक साथ काम करने और डेटा को साझा भी किया जा सकता है।
What are the D2M Networking Benefits?
- अधिक सुरक्षित तरीके से D2M नेटवर्किंग डिवाइसों को जुड़ने का काम करता है। इसके लिए ये प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करता है।
- इसके जरिए डिवाइसों में बिना नेटवर्क भार के डेटा ट्रांसफर तेजी होता है।
- अधिक ऑटोनोमस तरीके से काम करने के लिए ये नेटवर्किंग डिवाइसों को एक-दूसरे के साथ संवाद करने की भी आज्ञा देता है।
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D2M Networking कैसे करता है काम?
ब्रॉडबैंड और ब्रॉडकास्ट के मिक्सचर के तौर पर D2M नेटवर्किंग जानी जाती है। ये नेटवर्किंग एफएम रेडियो प्रसारण के जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है, लेकिन हाई स्पीड और कैपेसिटी प्रदान करता है। डिवाइस रेडियो फ्रीक्वेंसी को इस्तेमाल करते हुए D2M नेटवर्किंग के जरिए एक दूसरे के साथ संचार करता है। इसके लिए वर्तमान में टीवी ट्रांसमीटरों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 526 से 582 मेगाहर्ट्ज़ बैंड का यूज किया जा रहा है।
फ्री में देख सकेंगे कंटेंट?
D2M नेटवर्किंग की मदद से कैसे बिना इंटरनेट के फ्री में कंटेंट देख सकेंगे ये शायद आपका भी सवाल हो सकता है। दरअसल, जून में आईआईटी कानपुर की ओर से भारत में डी2एम ट्रांसमिशन और 5जी कन्वर्जेंस रोडमैप पर एक व्हाइट पेपर पब्लिश किया गया था। इसमें बताया गया था कि D2M नेटवर्किंग का यूज करके ब्रॉडकास्टर रीजनल टीवी, इमर्जेंसी अलर्ट सिस्टम, एजुकेशन मटेरियल, रेडियो, आपदा से संबंधित जानकारी, वीडियो और डेटा-पावर्ड ऐप प्रदान कर सकते हैं, जिसके जरिए यूजर्स बिना इंटरनेट के कंटेंट देख सकेंगे। लोगों की सहूलियत के लिए इसे कम कीमत में उपलब्ध किया जाएगा।
वीडियो के माध्यम से D2M Networking के बारे में जानें…