Iran Nuclear Weapon: दुनिया के कई देश अपनी न्यूक्लियर पावर बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान खबर आई थी कि भारतीय हमले में पाकिस्तान में मौजूद परमाणु साइट पर कुछ नुकसान हुआ। जिससे दुनियाभर में चिंता बढ़ गई थी क्योंकि इसके परिणाम दूरगामी हो सकते थे। इस बीच 9 करोड़ की आबादी वाले मुल्क ईरान ने एक ऐसा ऐलान किया, जिसने अमेरिका की नींद ही उड़ा दी। इतना तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच करीब सवा घंटे तक बात हुई।
‘न्यूक्लियर फ्यूल साइकल’ से कैसे बढ़ी टेंशन?
दरअसल, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुत्ला अली खामेनेई ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ईरान के वैज्ञानिकों ने ‘न्यूक्लियर फ्यूल साइकल’ को पूरा कर लिया है। इससे ईरान की परमाणु ताकत रखने वाले देशों की दुनिया में एंट्री हो सकती है। न्यूक्लियर फ्यूल साइकल के पूरा होने से ईरान को यूरेनियम के खनन और न्यूक्लियर पावर प्लांट में बिजली बनाना आसान हो जाएगा।
इसके साथ ही ईरान न्यूक्लियर प्लांट में बिजली बनाने को स्टोर करने तक की तकनीक हासिल कर लेगा। परमाणु ईंधन चक्र या न्यूक्लियर फ्यूल साइकल परमाणु प्रतिक्रियाओं से बिजली उत्पादन में शामिल प्रक्रियाओं की एक श्रृंखला है, जिसमें यूरेनियम खनन से लेकर इससे जुड़े सभी पहलू शामिल हैं।
इस बात ने अमेरिका और रूस की टेंशन बढ़ा दी है क्योंकि ये टेक्नीक परमाणु हथियार बनाने में भी इस्तेमाल की जाती है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने यहां तक कहा है कि तेहरान अपने यूरेनियम संवर्धन को नहीं छोड़ेगा।
Thanks to the intelligence of our youth and the dedication of our scientists, Iran has succeeded in achieving a complete nuclear fuel cycle. So today, we’re capable of producing nuclear fuel starting from the mine and all the way to the power plant.
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) June 4, 2025
ट्रंप-पुतिन के बीच सवा घंटे तक बातचीत
वहीं ट्रम्प ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा- हमारे संभावित समझौते के तहत हम यूरेनियम के किसी भी संवर्धन की अनुमति नहीं देंगे। इस पोस्ट के कुछ बाद देर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच करीब सवा घंटे तक बातचीत हुई। बातचीत की जानकारी ट्रम्प ने ट्रुथ ऐप पर पोस्ट शेयर करके दी है। उन्होंने लिखा- मैंने अभी-अभी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की है। यह बातचीत करीब एक घंटे 15 मिनट तक चली।
ये भी पढ़ें: Explainer: 1500 मौत, 25000 घायल, बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना पर लगे जो आरोप उसमें कितनी है सजा ?
हमने यूक्रेन की ओर से रूस के डॉक किए गए विमानों पर हमले पर बात की। इसी के साथ दोनों पक्षों की ओर से अन्य हमलों पर चर्चा की। हालांकि ये ऐसी बातचीत नहीं थी जिससे तुरंत शांति स्थापित हो सके। पुतिन ने कहा कि उन्हें एयरबेस पर हाल ही में हुए हमले का जवाब देना होगा।
पुतिन बोले- ईरान के साथ करेंगे बात
ट्रंप ने आगे लिखा- हमने ईरान पर भी चर्चा की। हमने इस बात पर भी चर्चा की कि परमाणु हथियारों से संबंधित ईरान के निर्णय पर समय बीत रहा है। मैंने पुतिन से कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते। इस दोनों इस पर सहमत थे। पुतिन ने सुझाव दिया कि वह ईरान के साथ चर्चा करेंगे। वह इस मामले में निष्कर्ष लाने में मददगार हो सकते हैं। मेरा मानना है कि ईरान इस महत्वपूर्ण मामले पर अपने निर्णय को लेकर धीमी गति से आगे बढ़ रहा है और हमें बहुत ही कम समय में एक निश्चित उत्तर की आवश्यकता होगी।
ये भी पढ़ें: Explainer: बाइडेन से आगे निकले ट्रंप, 2.31 करोड़ की आबादी वाले ‘मुल्क’ को क्यों दे रहे हथियार? चीन से सीधा पंगा
अमेरिका क्यों नहीं चाहता ईरान बनाए परमाणु हथियार?
अब सवाल ये कि अमेरिका-रूस को ईरान के परमाणु हथियार विकसित करने से क्या दिक्कत है? दरअसल, अमेरिका ईरान की ओर से परमाणु हथियार विकसित करने का इसलिए विरोध करता है, क्योंकि उसे डर है कि अगर ईरान ने परमाणु क्षमता विकसित कर ली तो यह मध्य पूर्व को अस्थिर कर देगा। इससे संघर्ष और अस्थिरता शुरू होने की संभावना है। इससे परमाणु हथियारों की दौड़ शुरू हो जाएगी।
यह अन्य देशों को परमाणु हथियार विकसित करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। इससे इजरायल को भी खतरा बढ़ने की संभावना है। ईरान के परमाणु संपन्न होने से अमेरिका का प्रभाव कमजोर पड़ सकता है। ईरान परमाणु हथियार विकसित करता है, तो सऊदी अरब या तुर्की भी ऐसा कर सकते हैं। विश्लेषकों को एक टेंशन ये भी है कि ईरान परमाणु प्रौद्योगिकी या सामग्री को अन्य देशों या फिर आतंकवादियों को दे सकता है।