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क्या होता है त्रि-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर? जो राष्ट्रपति भवन में पुतिन को दिया गया

रूस के राष्ट्रपति पुतिन दो दिन के भारत दौरे पर पहुंचे हैं. पुतिन 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए हैं.

Author Edited By : Arif Khan
Updated: Dec 5, 2025 12:07
Vladimir Putin India Visit
राष्ट्रपति भवन में पुतिन का औपचारिक स्वागत किया गया.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन दो दिन के भारत दौरे पर हैं. पुतिन गुरुवार शाम को दिल्ली पहुंचे. पालम एयरपोर्ट पर पुतिन के स्वागत के लिए प्रोटोकॉल तोड़कर खुद पीएम मोदी पहुंचे थे. जैसे ही पुतिन विमान से उतरे प्रधानमंत्री उन्हें गले लगाकर उनका स्वागत किया. इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. इसके बाद पीएम मोदी उन्हें अपने आवास पर प्राइवेट डिनर के लिए लेकर चले गए. फिर शुक्रवार सुबह पुतिन अपने कार्यक्रम के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन पहुंचे. राष्ट्रपति भवन में पुतिन का औपचारिक स्वागत किया गया. वहां उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना और सीडीएस अनिल चौहान भी मौजूद थे. यहां पुतिन को त्रि-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. अब सवाल यह है कि त्रि-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर क्या होता है और किसे और कब-कब दिया जाता है?

त्रि-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर क्या है?

यह एक विशेष सलामी होती है. जैसे इसके नाम से ही जाहिर होता है कि इसमें तीनों सेना के जवान होते है. इसमें भारत की थल सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों को मिलाकर एक टुकड़ी बनाई जाती है. यह टुकड़ी देश की एकता और तीनों सेनाओं के तालमेल को दिखाती है. इस टुकड़ी का हेडक्वार्टर दिल्ली में ही होता है.

यह किसे दिया जाता है?

यह गार्ड ऑफ ऑनर भारत के राष्ट्रपति को दिया जाता है, क्योंकि राष्ट्रपति ही भारत की तीनों सेनाओं का सुप्रीम कमांडर होता है. अगर किसी दूसरे देश का राष्ट्रपति, राजा या रानी आता है तो उन्हें यह सम्मान दिया जाता है. इसके अलावा यह सम्मान दूसरे देश के प्रधानमंत्री या किसी विशिष्ट अतिथि को भी दिया जाता है. भारत के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है, लेकिन जवानों की संख्या प्रोटोकॉल के हिसाब से थोड़ी कम होती है.

कैसे दिया जाता है यह सम्मान?

तीनों सेनाओं से चुने गए जवानों की यह टुकड़ी एक खास जगह पर खड़ी होती है. इस टुकड़ी में आमतौर पर 100 से 150 जवान होते हैं. वीवीआईपी के पद के हिसाब से जवानों का आंकड़ा बदलता रहता है. जैसे ही मुख्य अतिथि वहां पहुंचते हैं तो उन्हें एक ऊंचे स्थान यानी मंच पर ले जाया जाता है. इसके बाद बैंड राष्ट्रगान की धुन बजाता है. फिर गार्ड ऑफ ऑनर का कमांडर मुख्य अतिथि को पूरी टुकड़ी का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित करता है. वीवीआईपी धीरे-धीरे जवानों की लाइन के साथ चलते हैं. जवान एक खास तरीके से अपने हथियार को सम्मान देने की मुद्रा में रखते हैं. इसे सलामी शस्त्र कहा जाता है.

First published on: Dec 05, 2025 12:07 PM

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