---विज्ञापन---

Explainer: देश का पहला पोर्टेबल अस्पताल है Aarogya Maitri Aid Cube, जानिए इसके बारे में सबकुछ

Aarogya Maitri Aid Cube Portable Hospital: इस पोर्टेबल अस्पताल की खासियत यह है कि इसे कहीं भी एयरलिफ्ट करके ले जाया जा सकता है। साथ ही यह कई आधुनिक चिकित्सा सेवाओं से लैस है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Dec 11, 2023 21:31
Share :
Aarogya Maitri Aid Cube

What is Aarogya Maitri Aid Cube Portable Hospital: भारत ने हाल ही में अपना पहला पोर्टेबल अस्पताल लॉन्च किया था जिसे आपदाग्रस्त इलाके में एयरलिफ्ट करके ले जाया सकता है। इसका नाम है आरोग्य मैत्री एड क्यूब (Aarogya Maitri Aid Cube) और इसे असेंबल करने में महज एक घंटे का समय लगेगा। बीते दिनों गुरुग्राम में इसकी पहली झलक पेश की गई थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार यह मोबाइल अस्पताल महत्वपूर्ण और जरूरी मेडिकल केयर उपलब्ध करा सकता है। इसकी यह खूबी इसे दूरदराज और ऐसे इलाकों में लाइफलाइन बनाती है जहां पहुंचना मुश्किल होता है और जहां तत्काल मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है। जानिए इस अस्पताल की खूबियां क्या हैं।

---विज्ञापन---

क्या है आरोग्य मैत्री एड क्यूब?

इस पोर्टेबल अस्पताल में 72 छोटे क्यूब्स हैं जो टेंट और कस्टमाइज्ड मेडिकल उपकरणों से लैस हैं। इसका निर्माण ‘भारत हेल्थ इनीशिएटिव फॉर सहयोग हित एंड मैत्री’ यानी BHISHM प्रोजेक्ट के तहत हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसमें 200 मरीजों का इलाज हो सकता है।

ये भी पढ़ें: क्या है Social Media Detox?

इसके हर क्यूब का वजह 15 किलोग्राम से कम है और इन्हें प्लेन या हेलीकॉप्टर से गिराया जा सकता है। इसका एक हिस्सा है आरोग्य मैत्री क्यूब केज जिसमें तीन फ्रेम हैं जिनमें 12 छोटे क्यूब्स हैं। एक केज में कुल 36 छोटे क्यूब्स को फिट किया जा सकता है।

जानकारी के अनुसार इसे असेंबल करने के लिए कम से कम पांच प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता होगी और इसमें एक घंटे का समय लगेगा। इस पोर्टेबल अस्पताल को युद्ध प्रभावित क्षेत्रों या भूकंप अथवा बाढ़ जैसी किसी प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे दूरदराज की जगहों पर हवाई मार्ग से ले जाया जा सकता है।

कैसे मदद करेगा ये अस्पताल?

यह पोर्टेबल अस्पताल जीवन रक्षक सर्जरी जैसी सुविधाएं देने में सक्षम है। यह पोर्टेबल वेंटिलेटर्स, सोलर पैनल वाले जेनरेटरेस, अल्ट्रासाउंड मशीनों, डिजिटल इमेजिंग रेडियोग्राफी मशीनों, डिफ्रिबिलेटर्स, हाई माउंटेड ओटी लाइट्स, स्ट्रेचर्स, आधुनिक सर्जिकल उपकरणों और पोर्टेबल लैबोरेटरी जैसी सुविधाओं से लैस है।

ये भी पढ़ें: ऐसे कम करें कोलेस्ट्रॉल का स्तर

इसका निर्माण दुनिया के पहले पोर्टेबल डिजास्टर अस्पताल के तौर पर किया गया है। यह वाटरप्रूफ भी है। इसके साथ ही इसके अंदर एक टैबलेट कंप्यूटर लगाया गया है ताकि असेंबल करते वक्त कोई गलती न हो। अगर जीवन रक्षक सर्जरी की जरूरत है तो ऑपरेशन थिएटर पहले असेंबल किया जा सकता है।

BHISHM टास्क फोर्स के प्रमुख एयर वाइस मार्शल तन्मय रॉय के अनुसार इन 72 क्यूब बॉक्स को बनाने में 2.5 करोड़ रुपये से भी कम की लागत आई है। उल्लेखनीय है कि भारत पहले ही मैत्री की भावना के साथ दो आरोग्य मैत्री क्यूब्स म्यांमार को दे चुका है और एक श्रीलंका के लिए तैयार किया जा रहा है।

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Dec 11, 2023 09:31 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें