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अमिताभ बच्चन को पीछे छोड़ सेक्सिएस्ट मैन चुने गए थे जाकिर हुसैन, तबला वादक की अनसुनी बातें

Zakir Hussain Untold Facts: तबला वादक जाकिर हुसैन अब हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी यादें और काम उन्हें हमेशा जिंदा रखेंगे। जाकिर के बारे में कुछ ऐसी बातें जानते हैं जिन्हें कम ही लोग जानते हैं।

Edited By : Hema Sharma | Updated: Dec 16, 2024 11:41
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Zakir Hussain
जाकिर हुसैन सांकेतिक फोटो

Zakir Hussain Untold Facts: (Report Ashwini) तबले की थाप पर शिव के डमरू का नाद सुनाने वाले, 60 साल से भारतीय तबले की थाप को दुनिया भर में गूंजने वाले जाकिर हुसैन ने 73 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। ताज को वाह ताज बनाने वाले – हिंदुस्तानी क्लासिकल म्यूजिक के सरताज, तबला उस्ताद – जाकिर ने अंतिम सांस अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में ली। वो क्रॉनिक लंग डिजीज – आईडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से लड़ते हुए जिंदगी की जंग हार गए।  उस्ताद जाकिर हुसैन पिछले दो हफ्ते से हॉस्पिटल में एडमिट थे, जहां तबीयत और बिगड़ने पर उन्हे आईसीयू में शिफ्ट किया गया था।

तबले पर जाकिर की उंगलियां करती थी ता-ता-थैया

तबले पर जाकिर हुसैन की उंगलियां यूं थिरकती थी, जैसे किसी शानदार डांसर के पैर म्यूजिक की ताल पर थिरकें। लय, सुर, ताल इन उंगलियों की थिरकन पर अपना रंग बदलती और इसे सुनने वाला जैसे जादू से बंध जाता। हिंदुस्तान की मिट्टी की खुशबू को, तबले की धुन से पूरी दुनिया में फैलाने वाले ज़ाकिर हुसैन वो भारतीय थे, जिन्हें पूरी दुनिया ने अपनाया। इस साल फरवरी में ही ज़ाकिर हुसैन ने वो करिश्मा कर दिखाया था, जिसके करीब  हिंदुस्तान का कोई म्यूज़िशियन अब तक नहीं पहुंच पाया। 66 वे ग्रैमी अवॉर्ड में उन्हे बेस्ट ग्लोबल म्यूज़िक एलबम, बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक परफॉर्मेंस और बेस्ट कंटेपररी इंस्ट्रूमेंटल एलबम के तीन ग्रैमी अवार्ड मिले।

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जाकिर के कान में पिता ने बोली थी खास बात

ज़ाकिर के धुन, ताल और तबले की थाप के साथ दोस्ती, उनके जन्म के साथ ही शुरु हो गई थी, एक इंटरव्यू के दौरान उस्ताद जाकिर हुसैन ने खुद बताया था, कि कैसे उनके पिता – उस्ताद अल्ला रख्खा ने, नवजात बच्चे के कानों में बोली जाने वाली प्रार्थना की जगह, उनके कानों में तबले की रिदम गुनगुनाई और इसके साथ उनका उम्र भर का रिश्ता तबले के साथ जुड़ गया।

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चाइल्ड प्रोटेजी ज़ाकिर ने 3 से 6 साल की उम्र तक अपने अब्बू के साथ संस्कृत के श्लोकों के साथ तबले पर रियाज़ किया। वो मदरसा जाने लगे, तो कुरान के साथ उनका राब्ता हुआ,.. और जब मुंबई में वो सेंट माइकल चर्च में पड़ने लगे, हाईम्स के साथ उनके संगीत का साथ जुड़ा। इन सब अनुभवों को ज़ाकिर हुसैन ने अपनी कला के साथ जोड़ा। म्यूजिक के साथ अपनी पढ़ाई पर भी ज़ाकिर ध्यान देते रहें… वो मुंबई के सेंट ज़ेवियर कॉलेज से इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएट हुए।

7 साल की उम्र में दिया पहला स्टेज परफॉर्मेंस

7 साल की उम्र में जाकिर हुसैन ने पहली बार अपने पिता के साथ स्टेज पर आकर – तबले से थाप दी, और लाइव कॉन्सर्ट के दौरान, हर किसी को इतनी कम उम्र में अपनी काबिलियत से चौंका दिया। उस कॉन्सर्ट के लिए नन्हे जाकिर को तब 5 रुपए मिले थे। ज़ाकिर बताते थे, कि ये पांच रूपए, उनकी ज़िंदगी में मिली सारी दौलत से कीमती थी। 12 साल की उम्र में जाकिर हुसैन ने अपने वर्ल्ड टूर शुरु कर दिए थे। मुंबई में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जाकिर 1970 में अमेरिका शिफ्ट कर गए। और वहां, से इंटरनेशनल म्यूजिशियन्स के साथ जाकिर की जुगलबंदी ने सबको चौंकाया। जैज़ के शौकीन जाकिर हुसैन की इंटरनेशनल म्यूजिशियन्स के साथ जुगलबंदी पर वो कहते, कि म्यूजिक सिर्फ़ म्यूजिक होता है। इसलिए दूसरे कलाकारों और दूसरे म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट्स के साथ जुगलबंदी करना एक हैंडशेक जितना आसान है।

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सेक्सिएस्ट मैन का मिला टैग

जैज लीजेंड माइल्स डेविस के साथ अपने पहले जैम सेशन के बारे में जाकिर हुसैन ने बताया था कि वो तब वो माइल्स को इंप्रेस करने के लिए तबले को ज्यादा ही थाप दे दी, माइल्स ने उन्हे कहा – टू मेनी नोट्स ! और इससे ज़ाकिर ने समझा कि – लेस इज़ मोर…वर्ल्ड म्यूज़िक भी बिल्कुल इंडियन क्लासिकल म्यूज़िक की तरह है, जहां अपनी जिंदगी का तर्जुबा एक हल्की सी धुन से लोगों तक पहुंचाया जाए। ज़ाकिर हुसैन ए लाइफ़ इन म्यूज़िक की राइटर – नसरीन मुन्नी कबीर से उस्ताद ने बताया था कि उन्हे प्राइवेट गैदरिंग, कॉरपोरेट इवेंट्स और शादियों में परफॉर्म करने से उन्हे सख़्त ऐतराज था।

अपने कॉन्सर्ट्स के दौरान ज़ाकिर, ऑर्गेनाइजर से कहते थे कि वो परफॉरमेंस शुरू करने के बाद – वो एंट्री गेट बंद कर दें, और लेट कमर्स को बिल्कुल एंट्री ना दें। बहुत कम लोग जानते हैं कि 1994 में एक इंडियन मैगज़ीन – जेंटलमैन की वोटिंग के दौरान उसके रीडर्स ने जाकिर हुसैन को – सेक्सिएस्ट मैन के तौर पर वोट किया था, जिसमें अमिताभ बच्चन से भी ज़्यादा वोट्स ज़ाकिर हुसैन को मिले थे।

एक वीडियो ने किया फेमस

ज़ाकिर हुसैन ने तबले की थाम के साथ-साथ कई मंटो और मिस्टर एंड मिसेज़ अय्यर जैसी फिल्मों का म्यूज़िक भी कंपोज़ किया.. और कैमरे से दोस्ती भी की, जिसमें – Heat and Dust, The Perfect Murder और साज़ जैसी फिल्में भी शामिल हैं, जिसमें ज़ाकिर हुसैन ने शबाना आज़मी के साथ सिल्वर स्क्रीन पर अदाकारी की। 1998 में ताज महल चाय ब्रांड के लिए, किए गए उनके 33 सेकेंड के वीडियो कमर्शियल ने उन्हे घर-घर में पहुंचा दिया, और उसी साल अपने पिता उस्ताद अल्ला रख्खा के साथ जाकिर हुसैन ने मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा गाने में भी अपीयरेंस दी।

73 साल के जाकिर हुसैन अभी भी रुके नहीं थे

2025 में वो अपने इंडिया टूर As We Speak की तैयारी कर रहे थे, जिसमें ग्रैमी अवॉर्ड विनर बेला फ्लेक, एडगर मेयेर, और बांसुरी वादक राकेश चौरसिया के साथ एक फ्यूज़न परफॉर्म करने वाले थे। जनवरी में ही इसके चार शो – बैंगलौर, हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली में प्लान किए थे। अपने तबले की थाप से वक्त को रोकने का अहसास करा देने वाले उस्ताद के लिए ये वक्त,

अब यही रूक गया है। 4 ग्रैमी, पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण के साथ दुनिया भर के बड़े से बड़े खिताब से सम्मानित – जाकिर साहब की जाने की खबर ने दुनिया भर में उनके चाहने वालों का दिल तोड़ दिया है। उनके दोस्त, उनके चाहने वाले, म्यूजिक लीजेंड्स, और देश के बड़े-बड़े नेता अपना शोक जता रहे हैं ।आखिरी विदाई पर उदास मन के साथ ही ज़ाकिर हुसैन के जानदार-शानदार सफ़र पर कह रहे हैं वाह उस्ताद वाह।

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HISTORY

Edited By

Hema Sharma

First published on: Dec 16, 2024 11:41 AM

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