गुजरे जमाने में कुछ किस्से कहानियां इंडस्ट्री से बाहर लोगों तक नहीं पहुंच पाती थीं. क्योंकि ऐसा कोई बहुत अच्छा साधन नहीं था कि चीजें निकल सकें. इसमें कुछ किस्से लोगों तक पहुंच पाते थे तो कुछ अनसुने ही रह जाते थे. अब दिलीप कुमार और राजकुमार का ही किस्सा ले लो. उनकी दुश्मनी से तो हर कोई वाकिफ है. लेकिन, बाद में इनकी दुश्मनी खत्म भी हो गई थी और तो और जब दिलीप कुमार को राजकुमार के कैंसर के बारे में पता चला था तो वह उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे. इस मुलाकात में वह राजकुमार की बात सुनकर रो पड़े थे. चलिए बताते हैं उनके बारे में…
दरअसल, दिलीप कुमार और राजकुमार की दुश्मनी और दोस्ती के बारे में किस्सी टीवी पर शेयर किया गया है. इसमें बताया गया है कि कैसे इनके बीच दुश्मनी हो गई थी और फिर जब राजकुमार के कैंसर के बारे में पता चला था तो दिलीप उनसे मिलने के लिए भी गए थे. इनकी दुश्मनी साल 1991 में शुरू हुई थी. उस समय फिल्म ‘सौदागर’ के गाने ‘इमली का बूटा’ की शूटिंग की जा रही थी. उस समय कुछ ऐसा हो गया था कि राजकुमार उनसे बुरी तरह से चिढ़ गए थे और रंग से भरी थाली को उनके मुंह पर फेंक दिया था.
बात कुछ ऐसी है कि इस गाने की शूटिंग के दौरान दिलीप कुमार ने अपनी आंखों में लेंस लगाए थे और उन्होंने डायरेक्टर सुभाष घई को साफ शब्दों में कहा था कि कोई भी उनके चेहरे पर रंग ना लगाए. अब यही बात सुभाष के तीन असिस्टेंट ने बारी-बारी जाकर राजकुमार को बताया. वो इसे बार-बार सुनकर चिढ़ गए और उन्हें गस्सा आ गया. इसके बाद वह गुस्से में जाकर सिगरेट पीने लगे. किस्सी टीवी के अनुसार, दिग्गज अभिनेता ने इस बीच बीड़ी भी सुलगाई थी. फिर जब राजकुमार अपना गुस्सा शांत करके कैमरे के सामने गाने की शूटिंग के लिए आए तो इस बार सुभाष घई ने उनके चेहरे पर रंग ना फेंकने के निर्देश दिए. अब इसके बाद उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. फिर जैसे ही सुभाष घई ने एक्शन बोला राजकुमार ने रंग की थाली उठाकर दिलीप कुमार के चेहरे पर फेंक दी. उनकी आंखों में रंग भर गया. लेंस पहनने की वजह से उनकी आंखों में जलन होने लगी थी.
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बीच में रोक दी थी शूटिंग
इसके बाद क्या था. दिलीर कुमार, राजकुमार की उस हरकत से काफी नाराज हुए और वह शूटिंग छोड़कर वहां से चले गए थे. अब राजकुमार भी नाराज थे तो वो भी वहां से चले गए. ऐसे में सुभाष घई की फिल्म बीच में ही फंस गई. डायरेक्टर मुश्किल में आ गए. उन्हें तो हर हाल में गाना ‘इमली का बूटा’ की शूटिंग करनी थी. फिर किसी तरह से सुभाष घई ने दोनों की सुलह कराई और फिर गाने की शूटिंग हो पाई.

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कैंसर की खबर मिली तो मिलने पहुंचे दिलीप कुमार
इतना ही नहीं, दिलीप कुमार और राजकुमार के बीच रिश्ते की शुरुआत भले ही दुश्मनी से हुई थी. क्योंकि दोनों ही अपने आप में दिग्गज अभिनेता थे. वहीं, राजकुमार तो अपने तेवर के लिए जाने भी जाते थे. ऐसे में टकराव होना तो लाजमी ही था. लेकिन बाद में दोनों की दोस्ती जब हुई तो कैंसर की जानकारी मिलने के बाद दिलीप कुमार उनसे मिलने के लिए भी पहुंचे थे. राजकुमार ने उन्हें प्यार से लाले कहते थे. उस दिन जब दिलीप, राजकुमार के घर पहुंचे तो उन्होंने कहा था, ‘लाले…हमारे घर में स्वागत है तुम्हारा.’
इस दौरान फिर दिलीप कुमार ने राजकुमार से उनकी तबीयत के बारे में सवाल पूछा था तो अभिनेता ने उस समय कहा था, ‘सर्दी ज़ुकाम जैसी छोटी-मोटी बीमारियां राजकुमार को नहीं होती लाले. कैंसर हुआ है कैंसर.’ अब बीमारी की हालत में उनकी वही तेवर और अंदाज देखकर दिलीप कुमार की आंखों में आंसू छलक पड़े थे. ये पल उनके लिए भावुक करने वाला था.
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