---विज्ञापन---

एंटरटेनमेंट

Bawaal Review: इमोशन और रोमांस से भरपूर है ये ‘बवाल’, वरुण धवन-जाह्नवी कपूर की केमिस्ट्री ने जीता फैंस का दिल

अश्विनी कुमार: क्या है ना कि सादी खिचड़ी, ज़ुबान पर जल्दी चढ़ती नहीं, लेकिन पेट के लिए सेहत के लिए सादी खिचड़ी वरदान है। इसलिए हफ्ते भर भले ही जमकर तड़का, मसाला, मिर्ची खाइए, लेकिन हफ्ते में एक बार सादी खिचड़ी जरूर खाइए मामला तभी सही रहता है। डायरेक्टर नितेश तिवारी की बवाल वही सादी […]

Author Published By : Nancy Tomar Updated: Jul 21, 2023 16:33
Bawaal Review
Bawaal Review

अश्विनी कुमार: क्या है ना कि सादी खिचड़ी, ज़ुबान पर जल्दी चढ़ती नहीं, लेकिन पेट के लिए सेहत के लिए सादी खिचड़ी वरदान है। इसलिए हफ्ते भर भले ही जमकर तड़का, मसाला, मिर्ची खाइए, लेकिन हफ्ते में एक बार सादी खिचड़ी जरूर खाइए मामला तभी सही रहता है।

डायरेक्टर नितेश तिवारी की बवाल वही सादी खिचड़ी है, जिसमें सब कुछ बैलेंस्ड है। ना ज्यादा मीठा, ना ज्यादा तीखा, रोमांस का घी भी है, झूठे भौकाल वाली छौंक भी है…. तो स्वाद भी है। कुछ भी ओवर द टॉप नहीं सब कुछ गहरा-गहरा सा।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें- Love Stereo Again: जहरा और टाइगर का गाना ‘लव स्टीरियो अगेन’ रिलीज, दोनों सितारों ने मचाई धूम

लखनऊ के मास्टर की लव स्टोरी

बवाल का ट्रेलर आया तो कन्फ्यूजन साथ ले आया कि लखनऊ के मास्टर की लव स्टोरी में हिटलर के वर्ल्ड वॉर का क्या काम? ये सेकेंड हनीमून में वर्ल्ड वॉर की लोकेशन को घूमता है? और बवाल का तीसरा सवाल कि जब अज्जू भैया को निशा भाभी में सारी ख़ूबी दिखी, जिससे उनका माहौल बना रहे तो फिर रिजल्ट इनके बीच की दूरियां क्यों बन गईं?

---विज्ञापन---
अजय उर्फ अज्जू भैया

दरअसल, पूरा बवाल यही है कि एवरेज लड़का, शाही पनीर में पड़े धनिया की तरह होता है। कोई धनिया की बात नहीं करता पनीर की तारीफ हर कोई करता है। ऐसे में अजय दीक्षित, जो है तो धनिया लेकिन पनीर दिखने का स्वांग रचता है। झूठ का महल बनाने वाले अजय उर्फ अज्जू भैया के बारे में लखनऊ के गली-चौराहों में हर मुंह पर नई कहानी है।

लोगों को माहौल याद रहे रिजल्ट नहीं

अज्जू भैया का फलसफा भी है कि माहौल ऐसा बनाओ कि लोगों को माहौल याद रहे रिजल्ट नहीं। लखनऊ के एक स्कूल में बच्चों को इतिहास पढ़ाने वाले अज्जू भैया की इस हिस्ट्री कि मिस्ट्री की खबर उनके पापा और मम्मी को है, लेकिन दोस्त तो कहते हैं कि ‘भैया आपसे बहुत कुछ सिखना बाकी है’।

कहानी का पहला ट्विस्ट

खैर ये माहौल बना रहे इसलिए अज्जू भैया एक बड़ी फैमिली की ख़ूबसूरत, जहीन लड़की निशा से शादी करते हैं। हांलाकि निशा उन्हे पहले से बता देती है उसे एपिलेप्सी, यानि मिर्गी की बीमारी है। मगर पिछले 10 साल से उस पर कोई दौरा नहीं पड़ा है। कहानी का पहला ट्विस्ट तब आता है, जब ऐन विदाई के वक्त निशा को फिस्ट आ जाता है और इसी के साथ शादी के दिन से ही अज्जू और निशा के बीच में दूरियां आ जाती हैं।

निशा के दौरे से डरा अज्जू 

महज एक फिस्ट, जो शादी की भागादौड़ी, टेंशन और दवाई ना लेने की भूल से आई उसने अज्जू को ऐसा डराया कि अगर निशा को ये दौरे किसी के सामने आ गए, तो उसके माहौल का क्या होगा? 10 महीने तक इन दूरियो के बीच निशा, डिवोर्स के लिए तैयार हो ही रही होती है कि फैमिली के बीच खींचातानी के गुस्से में अज्जू अपने स्कूल के पढ़ने वाले विधायक के बेटे को थप्पड़ लगा बैठता है।

जिंदगी के बीच वॉर

बच्चों के इतिहास के वर्ल्ड वॉर-2 का चैप्टर अभी छूटा है और अज्जू-निशा की ज़िंदगी के बीच वॉर चल रही है। इस बीच अपनी नौकरी बचाने के लिए अज्जू, फिर एक माहौल का सहारा ले रहा है, वो दावा करता है कि सस्पेंड रहते हुए, वो यूरोप जाएगा… वर्ल्ड वॉर-2 की रीयल लोकेशन से बच्चों को इतिहास पढ़ाएगा और अपनी शादी बचाएगा। अज्जू का ये झूठ उसकी नौकरी और निशा दोनो को क्या बचा पाएगा? यही पूरा बवाल है।

इमोशन और रोमांस स्टोरी की बुनियाद

अज्जू और निशा की कहानी, वर्ल्ड वॉर के बहाने अपने अंदर चल रहे वॉर को जीतने की कहानी है। ट्रैवेल, हिस्ट्री, इमोशन, रोमांस के साथ ज़िंदगी के सबक को सिखाने वाली इस स्टोरी की बुनियाद बहुत मजबूत है। यहां एक तरफ हिटलर की तानाशाही के निशान हैं।

दो कहानियां आपस में मिलती हैं

सब कुछ जीतने की बेलगाम आरजू के बाद, तबाही का मंजर है… और दूसरी ओर अज्जू-निशा के बिखरी ज़िंदगी के बीच आख़िरी उम्मीद है। ये दोनों कहानियां आपस में मिलती तो हैं, लेकिन सबक सीखाकर आगे बढ़ जाती हैं। अश्वनी अय्यर तिवारी ने इस कहानी को बेहद करीने से लिखा है।

नितिश तिवारी ने लिखा है बवाल का स्क्रीनप्ले

पीयूष, निखिल, श्रेयष के साथ मिलकर नितिश तिवारी ने बवाल का स्क्रीनप्ले लिखा है और कुछ सीन्स तो इतने अच्छे हैं कि आप अंदर तक कांप जाते हैं। नाज़ी ऑफिसर के बंदूक की नोंक पर आधे घंटे के अंदर अपनी पूरी ज़िंदगी एक बैग में भरने वाला सीन, आत्मा तक को छू जाता है। बतौर डायरेक्टर नितिश तिवारी ने इस फिल्म को उतनी ही सादगी से बनाया है, जो उकना ट्रेड मार्क स्टाइल है। तुम प्यार करने देते, दिल से दिल तक और दिलो की येडोरियां बहुत ही ख़ूबसूरत ट्रैक हैं, जो कहानी का हिस्सा बने लगते हैं।

फिल्म की असली स्टार जाह्नवी कपूर हैं

बवाल की असली स्टार जाह्नवी कपूर हैं, निंशा के किरदार में एक एपिलेप्टिक किरदार का डर और उससे लड़कर आगे बढ़ने की ताकत दोनों अहसासों को जाह्नवी ने इतनी खूबसूरती से पेश किया है कि आपको उनसे प्यार हो जाएगा। अजय दीक्षित उर्फ़ अज्जू भैया बने वरुण ने लखनऊ-कानपूर के लड़कों का भौकाल तो जमाया है, उनके स्वैग और फेका-फेकी वाले अंदाज की झलक भी पेश की है।

बवाल को 3.5 स्टार

कॉमिक टाइमिंग और एग्रेसिव सीन्स में भी वो जमें हैं, लेकिन इमोशनल सीन्स में एक कमी सी नजर आती है। बवाल की ये इकलौती कमी है। अज्जू के कूल पापा के किरदार में मनोज पहवा बहुत प्यारे लगे हैं, ऐसा पापा हर किसी को चाहिए। ये बवाल कमाल का है और इस बवाल को 3.5 स्टार।

First published on: Jul 21, 2023 04:01 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.