Who is Ustad Rashid Khan in Hindi: साल 2024 के दूसरे हफ्ते में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्रीज से बुरी खबर सामने आई है। मशहूर गायक उस्ताद राशिद खान अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने 55 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। बताया जाता है कि उन्हें कैंसर था। आइए, उस्ताद राशिद खान की जिंदगी के बारे में विस्तार से जानते हैं…
उत्तर प्रदेश के बदायूं में राशिद खान का हुआ जन्म
राशिद खान का जन्म एक जुलाई 1968 में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के सहसवान में हुआ था। वे उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के भतीजे थे। उन्होंने संगीत का प्रारंभिक प्रशिक्षण अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान से प्राप्त किया था। बचपन में राशिद खान की संगीत में कोई रुचि नहीं थी। हालांकि, चाचा निसार हुसैन ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें मुंबई बुलाकर प्रशिक्षण दिया।
My very dear friend,a legend&truly a voice through which the divine spoke to us- Rashid khan's demise is an irreparable loss to the world of music. Fortunate are those who heard him perform. He was an unparalleled treasure. Milenge Rashid bhai upar milenge… #Ustadrashidkhan pic.twitter.com/OZmvFyzjEF
---विज्ञापन---— Prasoon Joshi (@prasoonjoshi_) January 9, 2024
रामपुर-सहसवान घराने से थे संबंधित
राशिद खान रामपुर-सहसवान घराने से संबंधित थे। इस घराने की शुरुआत इनायत हुसैन खान ने की थी। राशिद उनके परपोते हैं। राशिद का निकाह सोमा खान से हुआ है। कहा जाता है कि 11 साल की उम्र में राशिद ने अपना पहला संगीत कार्यक्रम किया था। वे 14 साल की उम्र में कलकत्ता स्थित आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी में शामिल हो गए।
Ustad Rashid Khan
इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही राजिऊन#UstadRashidKhan pic.twitter.com/NaX6TrMH99
— Neeta (@mehrotra_neeta) January 9, 2024
पद्म भूषण समेत इन पुरस्कारों से किया गया सम्मानित
उस्ताद राशिद खान को पद्म भूषण, पद्म श्री, बंग भूषण, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, वैश्विक भारतीय संगीत अकादमी पुरस्कार और मिर्ची संगीत पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बॉलीवुड में राशिद खान का योगदान
राशिद खान ने ‘आओगे जब तुम सजना’, ‘तोरे बिना मोहे चैन नहीं’, ‘तू बन जा गली’ और ‘दीवाना कर रहा है’ जैसे बेहतरीन गाने गए। राशिद की आवाज लोगों के दिलों को छू जाती थी। उनका गाया हुआ गाना आओगे जब तुम सजना सुपरहिट हुआ। लोग इस गाने के आज भी दीवाने हैं। उस्ताद राशिद खान भले ही आज इस दुनिया में न हों, लेकिन उनके गाए हुए गाने उनकी याद हमेशा दिलाते रहेंगे। वे अपने चाहने वालों और संगीत प्रेमियों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे।
आओगे जब तुम ओ साजना
अंगना फूल खिलेंगे…Music Maestro Ustad Rashid Khan dies at the age of 56. The acclaimed classical singer was battling with prostate cancer. His health condition deteriorated following a cerebral attack last month.#ustadrashidkhan #rashidkhan pic.twitter.com/qpdXR6lNvg
— Subhadip Roy (@SubhadipRoy23) January 9, 2024
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