Special Ops 2 Review: इंडियन इंटेलीजेंस, सीक्रेट सर्विस कैसे काम करते हैं? हमारे आप तक किसी मुश्किल के पहुंचने से पहले, वो कैसे अपने स्पेशल ऑप्स करते हैं? कभी क्रेडिट नहीं लेते कि हमने किया ये काम पॉलिटिशियन्स के लिए उन्होने छोड़ दिया है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस कीजिए, खुद के लिए तालियां बजवाइए। इंडियन स्पाई के ऑप्स, उनकी जिंदगी को समझने के लिए नीरज पांडे ने हमारे लिए अपनी फिल्मों, अपनी वेब सीरीज के जरिए- जैसे एक झरोखा खोल दिया है, जहां से हम उन्हें निहार सकते हैं। बेबी, अय्यारी, नाम शबाना के स्पेशल ऑप्स वन 1.5 से होते हुए- इन ऑप्स का सिलसिला 2.0 तक पहुंच चुका है।
साइबर अटैक्स
रॉ ऑफिशियल हिम्मत सिंह की कहानी को हमने 1.5 में देखा और स्पेशल ऑप्स 2.0 बिल्कुल वहीं से शुरु होता है, जहां से इसके पहले की कड़ी छूटी थी। इंडिया के सबसे बड़े सांइटिस्ट- डॉक्टर भार्गव को देश के दुश्मनों ने कैद कर लिया है। डॉक्टर भार्गव के पास इंडियन न्यूक्लियर ऑपरेशन्स से लेकर पीएमओ, डिफेंस मिनिस्ट्री से लेकर फाइनेंशियल सिस्टम के कोड्स हैं, जो उन्होंने देश पर होने वाले साइबर अटैक्स से बचाने के लिए खुद के कंट्रोल में रखे थे।
फाइनेंशियल सिस्टम
एक सनकी बिजनेसमैन, करप्ट पॉलिटिकल सिस्टम और ब्यूरोक्रेसी की बदौलत, डॉक्टर भार्गव के जरिए देश के यू.पी.आई, सिस्टम का कंट्रोल चाहता है। हालांकि, नीरज पांडे ने सीरीज में इस यूपीआई सिस्टर को ओपीआई सिस्टम कह दिया है और हिम्मत सिंह को दिल्ली पुलिस के दारोगा- अब्बास शेख, साथ ही अपने फील्ड एजेंट्स- फारुख, अविनाश और रूही के साथ देश के फाइनेंशियल सिस्टम में ये ब्रीच रोकना है और साथ ही डॉक्टर भार्गव को इंडिया सेफली पहुंचाना है।
सीरीज का एक अलग ट्रैक
इन सबके बीच में स्पेशल ऑप्स में और भी बहुत कुछ होता है। हिम्मत की बेटी परी को असलियत पता चल जाती है कि वो असल में उनके दोस्त की बेटी है। दूसरी ओर सीनियर सुब्रमण्यम को बैंकिग सिस्टम फ्रॉड के चलते, जिन हालात से गुजरना पड़ता है… वो एक अलग ट्रैक है। नीरज पांडे के साथ राइटर दीपक किंगरानी ने सात एपिसोड के इस सीजन टू में इतने पैरलल ट्रैक रखे हैं, जो इतनी तेजी से आगे बढ़ते हैं कि निगाह चूकी कि नहीं कि डिटेल्स फिसली।
इंटरनेशनल पॉलिटिक्स
नीरज पांडे और शिवम नायर ने ऑप्स डिटेल्स के साथ ये भी दिखाया है कि ये एजेंट्स अपनी निजी जिंदगी को दांव पर लगाकर देश के लिए कैसे बड़ा रिस्क लेते हैं और फिर भी गुमनाम रह जाते हैं। नेपाल से इंडिया, फिर बुडापेस्ट, चाइना और डॉमिनिका से होते हुए ये सीरीज इंटरनेशनल पॉलिटिक्स और इसके लुप-होल्स का भी जिक्र करती है।
हिम्मत सिंह पर प्रेशर
स्पेशल ऑप्स 2.0 का स्केल बहुत बड़ा हो गया है। इसके एक्शन सीक्वेंसेज़, लोकेशन्स सब कुछ में इतना बड़ा है कि इसे देखते हुए आप भूलने लगते हैं कि आप वेब सीरीज देख रहे हैं। बस क्लाइमेक्स को लगता है कि थोड़ा जल्दी में समेटा गया है। परफॉरमेंस के तौर पर स्पेशल ऑप्स में हिम्मत सिंह को देखकर आप चौंक जाते हैं कि आखिर इतना प्रेशर लेकर ये शख्स इतना शांत कैसे बना हुआ है?
विनय पाठक ने किया कमाल
के.के. मेनन की आंखें उनके एक्सप्रेशन्स और उनकी बॉडी लैग्वेंज उफ क्या एक्टर है? अब्बास शेख बने विनय पाठक को देखकर दिल खुश हो जाता है, मुश्किल से मुश्किल वक्त में भी वो अपने चेहरे पर पूरी संजीदगी लिए हुए भी आपके चेहरे पर मुस्कुराहट ला सकते हैं। सुधीर अवस्थी बने ताहिर राज भसीन, जिस मासूमियत से विलेनियस रोल निभाते हैं, वो हैरान करने वाला है।
स्पेशल ऑप्स 2 को 3.5 स्टार
करण टैकर ने इस बार दिल जीत लिया है। फारुख का उनका किरदार और उनका रोमांटिक अंदाज, साथ में एक्शन सीरीज में आपकी दिलचस्पी बनाए रखता है। सैयामी खेर और मुजम्मिल इब्राहिम बीच सीरीज से आए हैं, लेकिन अपना असर दिखा दिया है। परमीत सेठी ने इस बार हैरान कर दिया है। स्पेशल ऑप्स 2.0 के 7 एपिसोड आपको बांधकर रखते हैं। सीक्रेट सर्विसेज, इंटेलीजेंस ऑप्स और पॉलिटिकल लैंडस्केप में दिलचस्पी रखने वालों के लिए ये सीरीज मस्ट वॉच है। स्पेशल ऑप्स 2 को 3.5 स्टार।
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