सिनेमा जगत में करियर बनाना जितना मुश्किल होता है उससे मुश्किल इंडस्ट्री में स्टैंड करना है. फिल्म इंडस्ट्री की चकाचौंध भरी दुनिया में टिकना आसान नहीं है. इसके लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. 1990s में भी ऐसी कई घटनाएं रही हैं. जब एक्ट्रेसेस को कास्टिंग काउच की वजह से इंडस्ट्री से दूरियां बनानी पड़ीं, जो कॉम्प्रोमाइज के लिए राजी हुआ वो टिका रहा, जिसने मना किया उसे लोगों ने साइड लाइन कर दिया. ऐसे में आज आपको साउथ की एक ऐसी ही अभिनेत्री के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने कॉम्प्रोमाइज करने से मना किया तो उन्हें सिनेमा जगत में साइड लाइन कर दिया गया. उन्होंने अपने करियर में मोहनलाल और ममूटी जैसे कलाकारों के साथ काम किया है.
सुमा जयराम को ममूटी की ‘कुट्टेत्तन’, मोहनलाल की ‘हिज हाइनेस अब्दुल्ला’, अमला अक्किनेनी और श्रीविद्या की ‘एंते सूर्यपुत्रिकु’, सुरेश गोपी की ‘एकलव्यन’ और निर्देशक सिबी मलयिल की ‘इष्टम’ जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है. उन्होंने अपने करियर में मुख्य रूप से साइड रोल ही किए हैं. एक अच्छी कलाकार होकर भी उन्हें कभी केंद्रीय भूमिका निभाने का मौका नहीं मिला. इसके पीछे की वजह रही कि उन्होंने डायरेक्टर और प्रोड्यूसर्स के साथ कॉम्प्रोमाइज करने से इनकार कर दिया. उन्होंने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि 1990s के दिनों में अगर किसी महिला कलाकार ने कॉम्प्रोमाइज करने से मना किया तो वह अक्सर काम करने का मौका गवां देती थी. उन्होंने बताया कि कई बार तो फिल्मों में उनकी भूमिकाओं को कम कर दिया जाता था या फिर बदल दिया जाता था. ऐसा ही कुछ उन्होंने भी फेस किया था. वह केवल छोटे किरदारों तक ही सीमित रह गईं.
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सुमा जयराम के हाथ से निकले थे दो प्रोजेक्ट
सुमा जयराम ने बताया कि उन्हें दो फिल्मों से तो साइडलाइन कर दिया गया था. इसमें एक मोहनलाल की फिल्म भारतम (1991) थी. निर्माता पद्मराजन के निधन के बाद उन्हें घर जाने के लिए कह दिया गया था, बाद में उन्हें पता चला कि उनके किरदार में किसी और को कास्ट कर लिया गया था, जिसे सुचित्रा मुरली ने प्ले किया था. वहीं, निर्देशक फाजिल की ‘एंते सूर्यपुत्रिकु’ (1991) में काम करने का एक्सपीरियंस भी साझा किया और बताया कि इसमें वह अमला की बहन का रोल निभाने के लिए गई थीं. लेकिन जब तक वह सेट पर पहुंचीं तब तक किसी और को कास्ट कर लिया गया था. फिर उन्हें एक दोस्त की भूमिका निभाने के लिए दी गई थी.
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डायरेक्टर ने की थी रात के अंधेरे में गंदी हरकत
इसके साथ ही सुमा जयराम ने एक और डरावने किस्से का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि 16-17 साल की उम्र में उन्होंने डायरेक्टर की बदसलूकी को फेस किया था. वो रात के अंधेरे में उनका दरवाजा खटखटाने लगा था. उन्होंने बिना नाम लिए बताया कि एक बार वो एक फेमस निर्देशक की फिल्म में काम करने के लिए गई थीं. वह अपनी मां के साथ गई थीं. शूटिंग एक हफ्ते के लिए होनी थी. सुबह शूटिंग के बाद वह शाम को घर लौटीं और अपने कमरे में गईं. करीब रात 10 बजे डायरेक्टर उनके कमरे में गया. बालकनी का दरवाजा खटखटाने लगा. उन्होंने खिड़की से देखा और पाया कि वह पूरी तरह से नशे में था. उस समय एक्ट्रेस की उम्र करीब 16-17 साल रही होगी. इस घटना से वह काफी डर गई थीं. हालांकि, कुछ देर दरवाजा खटखटाने के बाद वह चला गया था. लेकिन, अगले दिन शूटिंग सेट पर वह सभी को गालियां दे रहा था.
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