Who is Ravi Mantha: जब आपकी शारीरिक कमियां आपकी इच्छा शक्ति के आगे बौनी पड़ जाए तो उसे ‘श्रीकांत बोला’ कहते हैं। अगर आप मन में ठान लें तो कोई भी शारीरिक कमी आपको जिंदगी में आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। राजकुमार राव की फिल्म श्रीकांत बस यही सीख दे जाती है। फिल्म ने थिएटर्स में रिलीज होते ही धमाल मचा दिया। इस फिल्म को दर्शकों के साथ-साथ क्रिटिक्स ने भी काफी पसंद किया। फिल्म को अब सिनेमाघरों के बाद ओटीटी पर भी रिलीज कर दिया गया।
‘मैं भाग नहीं सकता, सिर्फ लड़ सकता हूं’, कहने को तो ये फिल्म का सिर्फ एक डायलॉग है लेकिन श्रीकांत बोला की पूरी जिंदगी सिर्फ इसी एक लाइन से बयां होती है। वैसे तो श्रीकांत बोला की जिंदगी पर बनी इस फिल्म में सबसे पावरफुल और इम्पैक्टफुल कैरेक्टर उनका खुद का ही है, जिन्होंने दृष्तिबाधित होने के बावजूद सपने देखने नहीं छोड़े। उन्होंने ना ही सिर्फ सपने देखे बल्कि उन्हें साकार भी किया। श्रीकांत बोला के सपनों को सच करने में दो लोगों का सबसे अहम रोल था। एक तो श्रीकांत की टीचर ने उनकी बहुत मदद की। जब एक झूठ बोलने के लिए श्रीकांत को स्कूल से निकाल दिया जाता है तब उनकी शिक्षिका देविका ही उनकी जिम्मेदारी उठाती हैं।
श्रीकांत की जिंदगी में ‘एंजल’ रहे रवि
श्रीकांत की जिंदगी में उनके सपनों को पंख देने में उनके दोस्त और पार्टनर रवि मंथा का बड़ा हाथ रहता है। रवि भारत के सबसे सफल उद्योगपतियों में से एक है। वो जब श्रीकांत को मिलते हैं तो उनके आइडिया से काफी प्रभावित हो जाते हैं। रवि जिनका किरदार फिल्म में शरद केलकर ने प्ले किया है, वो श्रीकांत के स्टार्टअप में अपना पैसा निवेश करते हैं। उनके फैक्ट्री खोलने में आर्थिक मदद करते हैं। अगर यूं कहें कि रवि मंथा श्रीकांत बोला के राइट हैंड रहे तो इसमें कुछ गलत नहीं होगा।
निवेशक के साथ-साथ वेलनेस कोच भी हैं रवि
श्रीकांत की जिंदगी में रवि किसी एंजल से कम नहीं रहे। लेकिन वो सिर्फ एंजल निवेशक ही नहीं बल्कि एक वेलनेस कोच भी हैं। रवि मंथा भारत के प्रमुख एंजल निवेशकों में से एक हैं, जिन्होंने कई स्टार्टअप्स में अपना पैसा लगाया है। इसके अलावा उन्होंने कई स्टार्टअप्स को पैसे जुटाने में और व्यावसायिक तौर पर रणनीति बनाने में भी काफी मदद की है। रवि के पास उच्च-स्तरीय वेलनेस सलाहकार की डिग्री भी है। वो भारत के प्रमुख पोषण और वेलनेस विशेषज्ञों में से एक माने जाते हैं। इतना ही नहीं इन्हीं विषयों पर उन्होंने दो किताबें भी लिखी हुई हैं। वर्तमान में रवि बौलैंट इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत हैं, ये वहीं कंपनी है जिसके फाउंडर श्रीकांत बोला है और फिल्म में भी जिस फैक्ट्री की शुरुआत को दिखाया गया है।
रवि की वजह से ही बनी फिल्म श्रीकांत
रवि मंथा से जुड़ी एक और दिलचस्प बात ये है कि रियल लाइफ में भी फिल्म के निर्माण में श्रीकांत के दोस्त रवि ने फिल्म के डायरेक्टर की काफी मदद की। वो रवि ही थे जिनकी वजह से श्रीकांत बोला की मुलाकात तुषार से हुई थी, जिसके बाद श्रीकांत ने अपनी लाइफ पर फिल्म बनाने की परमिशन दी।
रवि के रोल के लिए शरद ने लिए 101 रुपये
आपको ये जानकर काफी हैरानी होगी कि इस फिल्म में श्रीकांत के दोस्त रवि का किरदार निभाने वाले एक्टर शरद केलकर ने महज 101 रुपये लेकर फिल्म में काम किया है। इस बात का खुलासा खुद फिल्म के डायरेक्टर तुषार हीरानंदानी ने किया। उन्होंने एक इंटरव्यू में शरद की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि जो काम शरद ने हमारे लिए किया शायद ही वो कोई और एक्टर कर पाएगा। उन्होंने सिर्फ 101 रुपये में फिल्म को साइन कर लिया। दरअसल फिल्म की स्क्रिप्ट शरद को बहुत पसंद आई थी, रवि का किरदार जो उन्हें ऑफर हुआ था वो भी उन्हें बहुत पसंद था। ऐसे में उन्होंने फिल्म के बजट को ध्यान में रखते हुए कम पैसे में ही फिल्म को करने के लिए हां कर दिया।
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