Marco Banned From Indian Television Channels: उन्नी मुकुंदन की मलयालम फिल्म ‘मार्को’ जो एक बार फिर चर्चा में आ गई है। जब से फिल्म की अनाउंसमेंट की गई थी तब से इसको लेकर बज बना हुआ था। अब इस बीच फिल्म को 440 वोल्ट का झटका लगा है। पहले तो इस फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया गया है। इसके बाद अब सीबीएफसी ने इस फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है।
दरअसल, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के एक अफसर ने कमेटी के चेयरमैन से कहा है कि वह Ott पर फिल्म की स्ट्रीमिंग को रोक के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करें। ऐसा इसलिए क्योंकि फिल्म ‘मार्को’ में कई ऐसे सीन है जो कि काफी हिंसक हैं। यही कारण है कि इसको हिंदी टेलीविजन पर बैन करने की मांग की गई है। फिल्म के कई ऐसे सीन है जो कि काफी भयानक है और इससे लोगों पर खासतौर पर बच्चों पर इसका गलत असर पड़ेगा।
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केरल के मुख्यमंत्री ने फिल्म की निंदा की
फिल्म में काफी ज्यादा हिंसा दिखाई गई है जिस कारण CBFC ने इसको रोकने की मांग की है। ऐसा पहली बार नहीं है जब ऐसा हुआ हो इससे पहले भी टीवी पर इसको दिखाए जाने के ऑफर को रिजेक्ट किया गया था। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इसके ट्रेलर को देखने के बाद ही इसके रिलीज को रोकने की मांग की थी। उनका कहना था कि यह फिल्म युवाओं पर गलत असर डालेगी और उनको रियल लाइफ में हिंसा के लिए उकसाएगी।
सीबीएफसी ने फिल्म को दिया ए सर्टिफिकेट
आपको बता दें कि सीबीएफसी ने मार्को फिल्म को ए सर्टिफिकेट दिया है। इसके साथ ही सीबीएफसी के क्षेत्रीय अधिकारी ने इस बात से सावधान किया है कि जो भी मां-बाप है वो इस बात का ध्यान रखें कि अपने बच्चों को ऐसी हिंसक फिल्मों से दूर रखें। ऐसी फिल्मों से आजकल के बच्चों पर गलत असर पड़ता है।
उन्नी मुकुंदन ने कही ये बात
आपको बता दें कि फिल्म मार्को पर उन्नी मुकुंदन ने कहा कि- ‘इंसान के विकास में हिंसा एक अहम हिस्सा है। हमें जंग के कारण ही शांति मिली है। मैं ऐसा नहीं कह रहा कि मैं बड़े पर्दे पर हिंसा दिखाने के लिए ये कह रहा हूं लेकिन ये सच्चाई है कि हिंसा हमारे समाज में है और जितनी हमारे समाज में हिंसा है उसका 10 प्रतिशत भी हमने मार्को में नहीं दिखाया है।’