करण जौहर का मानना है कि आजकल फिल्म इंडस्ट्री में बहुत सारे लोग किसी एक हिट फिल्म को देखकर उसी जैसी फिल्म बनाने की कोशिश करते हैं, ताकि वे भी दर्शकों को आकर्षित कर सकें और उनकी फिल्म चल जाए। करण का कहना है कि यह तरीका सफल नहीं हो सकता। बॉलीवुड हंगामा को दिए गए इंटरव्यू में जब करण से पूछा गया कि इस वक्त बॉलीवुड की सबसे बड़ी परेशानी क्या है, तो उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या है “झुंड मानसिकता” यानी सबका एक जैसा सोचना और वही करने लगना जो बाकी कर रहे हैं।
करण ने आगे क्या कहा?
करण ने कहा, “मुझे लगता है कि लोग अब वही करने लगे हैं जो दूसरों को करते देख रहे हैं। जैसे अगर ‘पुष्पा’ फिल्म चल रही है और वह छोटे शहरों के लोगों को बहुत पसंद आ रही है, तो तुरंत ही 20 और फिल्ममेकर्स वैसे ही फिल्में बनाने लगते हैं। अगर ‘छावा’ नाम की फिल्म चलती है, तो सब लोग हिस्टॉरिकल फिल्म बनाने लगते हैं। ‘स्त्री’ हिट होती है, तो सब हॉरर कॉमेडी बनाने लगते हैं, लेकिन ये फिल्में इसलिए हिट हुईं क्योंकि वे अपनी-अपनी कैटेगरी में नई और अलग थीं। उस समय ऐसी कोई और फिल्में नहीं थीं। इनका खास और अलग आइडिया ही इनकी सफलता की वजह बना।”
“मेरा यूनिवर्स है सिनेमा”
करण ने आगे कहा, “हमें ऐसे आइडिया पर काम करना चाहिए जो हमारी खुद की सोच से निकले हों, जो अलग हों। किसी ने मुझसे पूछा, ‘क्या आपकी भी कोई यूनिवर्स है?’ मैंने पूछा, ‘जैसे?’ तो उसने कहा, ‘जैसे कोई स्पाई यूनिवर्स या पुलिस यूनिवर्स।’ मैंने कहा, ‘मेरा यूनिवर्स तो खुद सिनेमा है।’ मैं कोई यूनिवर्स बनाने नहीं आया हूं, मैं कहानियां सुनाने आया हूं। अगर किसी कहानी में खुद-ब-खुद कोई यूनिवर्स बनता है, तो वो भी ठीक है।”
करण जौहर हाल ही में कांस फिल्म फेस्टिवल में अपनी फिल्म ‘होमबाउंड’ के प्रीमियर के लिए पहुंचे थे। यह फिल्म धर्मा प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी है। फिल्म का निर्देशन नीरज घेवन ने किया है और इसमें ईशान खट्टर, विशाल जेठवा और जान्हवी कपूर अहम किरदार निभा रहे हैं।
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