5 Films Based on Social Evils: आज भारत अपना 78वां स्वंतत्रता दिवस मना रहा है। हर साल आजादी दिवस के मौके पर हिंदी सिनेमा में भी दिल को छू जाने वाली देशभक्ति की फिल्में बनती हैं। कई फिल्में देश के प्रति प्यार को दिखाती हैं तो कई सामाजिक बुराइयों को भी दूर करने का संदेश देती हैं। ऐसी ही 5 फिल्में आपको आजादी दिवस के मौक पर बताते हैं जो हमारे समाज की उन बुराइयों को दर्शाती हैं जिनसे हमें आजाद होने की जरूरत है।
‘महाराज’
इस साल आमिर खान के बेटे जुनैद खान ने ‘महाराज’ के साथ अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। फिल्म में जयदीप अहलावत, शालिनी पांडे और शर्वरी भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। ‘महाराज’ 1862 के महाराज लिबल केस पर आधारित है, जिसमें एक पत्रकार ने एक धार्मिक गुरु द्वारा लड़कियों के शोषण करने का खुलासा किया था, जिसके बाद उस पर मानहानि का आरोप लगाया गया। फिल्म ने अंधविश्वास के खिलाफ एक सशक्त संदेश दिया है जो आज भी समाज के किसी ना किसी हिस्से में नजर आता है।
‘अमर सिंह चमकीला’
इम्तियाज अली की ‘अमर सिंह चमकीला’ ने रिलीज के बाद काफी तारीफ लूटी। दिलजीत दोसांझ और परिणीति चोपड़ा के अभिनय से सजी इस बायोग्राफिकल ड्रामा में पंजाबी गायक अमर सिंह चमकीला की कहानी को दर्शाया गया है, जो अपनी पत्नी के साथ हत्या का शिकार हो गए थे। ये मामला आज भी अनसुलझा है और जातिवाद जैसी समस्याएं समाज के कुछ हिस्सों में आज भी कायम हैं। चमकिला की हत्या के पीछे जातिवाद की भूमिका को भी फिल्म ने प्रमुखता से उठाया था।
‘जवान’
भ्रष्टाचार, एक ऐसी सामाजिक बुराई है जो कई जगहों पर खुलेआम होती है। शाहरुख खान की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘जवान’ में इसे प्रभावी ढंग से दर्शाया गया है। इस फिल्म ने न केवल दर्शकों को आकर्षित किया बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी दिया। फिल्म में शाहरुख ने एक ऐसे शख्स की भूमिका निभाई है जो अपनी गैंग के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता है।
‘डार्लिंग्स’
महिलाओं पर हिंसा और शोषण को ‘डार्लिंग्स’ में बेहतरीन ढंग से दिखाया गया है। आलिया भट्ट ने फिल्म में एक ऐसा किरदार निभाया है जो अपने शराबी और हिंसक पति के खिलाफ खड़ी होती है। फिल्म ने घरेलू हिंसा के खिलाफ एक सशक्त संदेश दिया। घरेलू हिंसा और महिलाओं के खिलाफ होते शोषण के खिलाफ कैसे लड़ना चाहिए, इस फिल्म में दिखाया गया है।
‘गिल्टी’
देश में आज दुष्कर्म और बलात्कार सबसे घिनौनी सामाजिक बुराई है जो समय-समय पर जगजाहिर हो जाती है।’गिल्टी’ में एक लड़की तानू की कहानी दिखाई गई है जिसके साथ उसी का क्रश दुषकर्म कर लेता है। इसके बाद तानू की हालत और न्याय के लिए लड़ने की उसकी कहानी को दिखाया गया है।
इन फिल्मों ने समाज में कई बुराइयों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है और दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया है कि समाज में वास्तविक बदलाव कैसे लाया जा सकता है। ये फिल्में न केवल मनोरंजन का साधन हैं बल्कि सामाजिक मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने का एक प्रभावशाली तरीका भी हैं।
यह भी पढ़ें: क्यों आखिरी मूमेंट पर शाहरुख खान ने फिल्म ‘सारे जहां से अच्छा’ से काटी कन्नी, सालों बाद बताई वजह