जैकी श्रॉफ को अक्सर अपने साथ एक पौधे के साथ देखा जाता है, चाहे वो उनकी गर्दन पर लटका हो, हाथ में हो या कार में रखा हो। यह अब उनकी पहचान बन गई है। लेकिन उनके लिए यह सिर्फ स्टाइल नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति प्यार और जिम्मेदारी का प्रतीक है।
उनहेने अर्थ डे के मौके पर कहा,”हमें ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए और इस बारे में बात करनी चाहिए। मैं इसे पूरी लगन से करता हूं। पौधे को पहनता हूं,साथ रखता हूं और कार में भी रखता हूं। हमें बच्चों में यह आदत डालनी होगी क्योंकि हम धरती उन्हीं के लिए छोड़कर जा रहे हैं।”
स्कूल प्रोजेक्ट से शुरू हुआ पर्यावरण के प्रति लगाव
जैकी बताते हैं कि एक स्कूल प्रोजेक्ट में उन्हें मेथी के बीज उगाने थे, वही चीज उनके अंदर पर्यावरण के लिए लगाव पैदा किया। उन्होंने कहा,मैं एक चॉल में रहता था, जहां सामने जंगल था। वहीं पेड़ों की अहमियत समझ में आई। उनकी छाया में बैठना, फल खाना। ये बातें मेरे साथ हमेशा रहीं।
जैकी का मानना है कि पर्यावरण संरक्षण पर केवल बातें नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे जीवन में अपनाना जरूरी है। वो कहते हैं, “हम धरती को बचाने की बात करते हैं, लेकिन सिर्फ बातों से कुछ नहीं होगा। जब हम खुद इसे अपनाएंगे, तो और लोग भी इंसपायर होंगे। ”
बच्चों में भी आया पर्यावरण के प्रति सम्मान
जैकी बताते हैं कि उनके बच्चे टाइगर श्रॉफ और कृष्णा श्रॉफ भी इस चीज में उनके साथ हैं। उन्हें कुछ बताने की जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने खुद बहुत पेड़ लगाए हैं। ये कोई उपदेश नहीं, बल्कि समझदारी है।
अर्थ डे एक शुरुआत हो सकती है
जैकी मानते हैं कि कई बार ऐसे दिन केवल दिखावे के लिए मनाए जाते हैं, लेकिन फिर भी वह इसे एक अच्छी शुरुआत मानते हैं। उन्होंने कहा, “अगर 10 में से 2 लोग भी जागरूक हों, तो वे हजारों को इंसपायर कर सकते हैं। विकास के नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं, लेकिन यह बिना पेड़ काटे भी मुमकिन है। मुंबई और पुणे में कई जगहों पर ऐसे उदाहरण हैं, जहां बिल्डिंग्स बनने के साथ-साथ पेड़ों को भी बचाया गया है।
धरती बचाना क्यों जरूरी है?
जब जैकी श्रॉफ से पूछा गया कि धरती को बचाने के लिए सबसे जरूरी कदम क्या है, तो उन्होंने कहा,”अगर हम माँ धरती की रक्षा नहीं करेंगे, तो ये हमारे खुद के हाथ काटने जैसा होगा। हमें ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए, पानी, मिट्टी और जानवरों की सुरक्षा करनी चाहिए। हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य बनाना है। अगर हम आज धरती का ख्याल रखेंगे, तो कल धरती हमारा ख्याल रखेगी।”